चकराता , PAHAAD NEWS TEAM

गर्मियां शुरू होते ही सीमावर्ती इलाकों में पेयजल संकट गहराना शुरू हो जाता है। इसके कारण हजारों की आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जौनसार-बावर में इस बार अपेक्षा के अनुरूप बारिश और बर्फबारी नहीं हुई है। इससे प्राकृतिक स्रोतों पर प्रभाव पड़ा है। इन दिनों पीने के पानी के संकट से जूझ रहे त्यूणी के गेट बाजार, नया बाजार और अटाल पंचायत के लोग दस किमी दूर खड्ड से पिकअप पानी ढोने को मजबूर हैं।

जहां एक ओर सरकार हर घर में पानी और नल मुहैया कराने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर जौनसार-बावर में हजारों की आबादी पेयजल संकट से जूझ रही है। छावनी बाजार चकराता और सीमांत त्यूणी तहसील से जुड़े कूणा, अटाल, भंद्रोली, कोटी-बावर, निनूस, टियूटाड़, कांडा, खेड़ा डोंरी, त्यूणी बाजार, गुतियाखाटल और गोरखा बस्ती में पिछले कुछ दिनों से पेयजल संकट गहराया हुआ है। इसके कारण हजारों की आबादी बूंद-बूंद को तरस रही है। कूणा की प्रधान रीता जगलान, युवा कल्याण समिति अटाल के अध्यक्ष बसंत शर्मा, पूर्व प्रधान दिनेश चौहान, कोटी-बावर के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं कांग्रेस के जिला उपायक्ष बचन सिंह राणा, पूर्व प्रधान रघुवीर पंवार, महामंत्री बलवीर चौहान, किशन नेगी, कुंवर सिंह, डॉ. बलराज सिंह थापा, कृपाल नेगी, रमेश चौहान आदि का कहना है कि जलस्रोतों में पानी कम होने से गांव और बस्ती क्षेत्र में पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। पेयजल समस्या से निपटने के लिए जल संस्थान के दावे भी हवाई साबित हो रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, गर्मी के सीजन के शुरुआती चरण में ये हाल है, तो आने वाले महीनों में स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी। हजारों की आबादी वाले गेट बाजार, नया बाजार, त्यूणी और अटाल पंचायत में पीने के पानी की बड़ी समस्या है। त्यूणी और अटाल में कई शैक्षणिक संस्थान, छात्रावास और अन्य संस्थान हैं। यहां बड़ी संख्या में स्कूली छात्राएं और निवासी रहते हैं। पेयजल समस्या के कारण घरों में में लगे नलों में पानी नहीं आ रहा है। ऐसी स्थिति में, प्रभावित लोग गांव से दस किमी दूर खड्ड से पिकअप आदि में अपने संसाधनों से पानी भर रहे हैं। त्यूणी में ज्यादातर लोग टोंस नदी का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। स्थानीय जनता द्वारा कई बार शिकायत करने के बावजूद विभागीय अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। वैकल्पिक रूप से, प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों की भी व्यवस्था नहीं की गई है। उप जिला मजिस्ट्रेट संगीता कनौजिया के अनुसार, जल संस्थान को प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी की व्यवस्था में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। वहीं टैंकरों को वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में पेयजल आपूर्ति करने को कहा गया है।