मसूरी, PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में महज एक महीना बचा है. ऐसे में अब सभी को उम्मीदवारों के नाम का इंतजार है. इसके अलावा इस बार कोरोना के चलते वर्चुअल माध्यम से ही प्रचार-प्रसार किया जाना है। सभी पार्टियों के लिए चुनौती यह भी है कि दूर-दराज के इलाकों में नेटवर्किंग और टेलीकम्युनिकेशन में दिक्कतें उम्मीदवारों के प्रचार प्रसार में रुकावट पैदा कर सकती हैं. देखना होगा कि अब कांग्रेस और बीजेपी की रणनीति क्या है.

बीजेपी की प्लानिंग: वर्चुअल कैंपेन के लिए बीजेपी पूरी तरह तैयार नजर आ रही है. आपको बता दें कि कोरोना काल में बीजेपी की ज्यादातर बैठकें वर्चुअल रही हैं. जिससे भाजपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी वर्चुअल मोड पर प्रचार प्रसार के लिए तैयार नजर आ रहे हैं। राज्यसभा सांसद नरेश बंसल के मुताबिक, जब 2014 में लोकसभा चुनाव हुए थे, तब बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ज्यादातर रैलियां विधानसभाओं के अंदर वर्चुअल रूप में की थीं. इसलिए बीजेपी ने इस देश के अंदर टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल शुरू कर दिया है.

कांग्रेस योजना: कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष सुमित हृदेश कांग्रेस वर्चुअल मोड पर प्रचार करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इसके अलावा कांग्रेस नेता भी पांच लोगों का ग्रुप बनाकर लोगों के घर-घर पहुंचने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं वह ट्विटर, फेसबुक के जरिए कांग्रेस उम्मीदवार को जनता तक पहुंचाने का हर संभव प्रयास करेंगे। उनके मुताबिक कांग्रेस की लोकप्रियता सोशल मीडिया पर काफी बेहतर है. हालांकि विधानसभा चुनाव में महज एक महीना बचा है। ऐसे में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा का इंतजार है. जिसके बाद सभी राजनीतिक दल वर्चुअल मोड में अपने उम्मीदवारों के प्रचार को तेज धार देंगे। अब देखना यह होगा कि वर्चुअल मोड के सहारे उत्तराखंड में कौन सा राजनीतिक दल 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेगा।