देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 उत्तराखंड में कांग्रेस के मौजूदा विधायकों समेत करीब ढाई दर्जन सीटों के लिए जल्द ही टिकटों की घोषणा हो सकती है. पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से स्क्रीनिंग कमेटी के गठन के बाद अब जल्द ही इसकी बैठक बुलाने की मांग उठने लगी है. कुमाऊं और गढ़वाल संभाग की तीन दर्जन सीटों पर टिकट को लेकर खींचतान जारी है.

19 नवंबर को कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखंड में 2022 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए आठ सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया। इसके चेयरमैन अविनाश पांडेय को बनाया गया है। अहम बात यह है कि अविनाश पांडेय जो महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव हैं, 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड के लिए गठित स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य थे. इस बार उन्हें अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है. . पांडेय समेत तीन सदस्य केंद्रीय स्तर से हैं, जबकि पांच सदस्यों में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व प्रदेश सह- प्रभारी दीपिका पांडेय सिंह और राजेश धर्माणी शामिल हैं।

कांग्रेस चुनाव से ठीक पहले टिकट तय करती रही है

कमेटी के गठन से प्रदेश में कांग्रेस में उत्साह का माहौल है। दरअसल, स्क्रीनिंग कमेटी की मुख्य जिम्मेदारी अब टिकट तय करने की है। पार्टी के भीतर एक मजबूत तबका चुनाव में टिकट समय पर तय करने की वकालत करता रहा है। इसके पीछे तर्क यह है कि अगर टिकट समय पर तय हो जाता है, तो उम्मीदवारों को चुनाव की तैयारी के लिए अधिक समय मिल जाएगा। हालांकि, पार्टी में पुरानी स्थापित परंपरा चुनाव के अवसर पर टिकट घोषित करने की रही है। पार्टी शायद ही इस परंपरा से पीछे हटी। हालांकि जिन टिकटों पर ज्यादा संदेह नहीं है, उन्हें फिक्स किया जा सकता है।

बाहर से आने वालों की मजबूत स्थिति पर होगा ध्यान

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के मुताबिक मौजूदा विधायकों समेत करीब 30 सीटें हैं, जिनमें टिकट को लेकर स्थिति लगभग तय है. उन्होंने संकेत दिया कि ऐसे उम्मीदवारों के टिकट पहले तय किए जा सकते हैं। यह कदम अगले महीने दिसंबर तक भी उठाया जा सकता है। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में इस पर चर्चा होनी है। पार्टी को तीन दर्जन सीटों पर टिकट तय करने के लिए संघर्ष करना होगा. इन सीटों पर फैसला पार्टी के मौजूदा संभावित दावेदारों के साथ ही कांग्रेस में शामिल होने के लिए बाहर के मजबूत और विजयी चेहरों को ध्यान में रखकर लिया जाएगा.