देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एक बार फिर मुख्यमंत्री का चेहरा सामने रखने की वकालत की है। इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में, ‘तालुक यदि बोझ न बन जाएं ‘ गाने की लाइन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर परंपराएं रास्ते में बाधक बन जाती हैं तो उन्हें तोड़ना बेहतर है। आज लोग चुनाव में निर्णय लेने से पहले चेहरा देखते हैं। भाजपा खांचे में मोदी को डाल देती है । स्थानीय बनाम स्थानीय करने के लिए, हमें मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए किसी को आगे रखना होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला तभी होगा जब हमारे सदस्य चुनकर आएंगे , लेकिन हमें चुनाव की रणनीति तैयार करनी होगी।

हरदा ने भी अपनी पीड़ा व्यक्त की और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में मुख्यमंत्रियों को हराने की परंपरा बहुत गहरी है। कुछ लोग तीरथ सिंह रावत की शुरुआत खराब करना चाहते हैं। उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि पौड़ी में मुख्यमंत्री को हराने के लिए भी हमारा एक व्यक्तित्व मौजूद है। इतिहास कभी-कभी खुद को दोहराने के लिए बेचैन रहता है।

भाजपा को जमीन की तलाश करनी पड़ी : प्रीतम

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मजबूत बहुमत से जीतने वाली भाजपा ने जनता से झूठे वादे किए। अब सत्ता पक्ष को अपना चेहरा बदलकर जमीन तलाश करनी पड़ रही है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए, प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को कांग्रेस की जनाक्रोश रैली पर टिप्पणी करने से पहले अपनी खुद की हालत देखनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री रहते हुए, उन्होंने राज्य में बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं को कभी नहीं देखा। राज्य की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है। विकास कार्य ठप है। सरकार और सत्ताधारी दल अपनी पीठ थपथपा रहे हैं । उन्हें चेहरा बदलना पड़ रहा है।