देहरादून से PAHAAD NEWS TEAM

पूर्व सीएम और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत राजनीति में भ्रष्टाचार से बड़ी संपत्ति अर्जित करने वाले नेताओं के खिलाफ आंदोलन करेंगे। वे इसे 14 जनवरी को बागेश्वर के ककोड़ाखाल और सरयूबगड़ में प्रतिज्ञा के साथ शुरू करेंगे। 14 जनवरी को कुली बेगार प्रथा के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत के रूप में देश के इतिहास में दर्ज किया गया है। इसी दिन , बागेश्वर में उत्तरायणी त्योहार पर आंदोलन शुरू हुआ। रावत ने कहा कि हमारे राज्य में जहां मजदूरों के पैसे की लूट हो रही है। PAHAAD NEWS संवाददाता को बताया

वहीं, भूउपयोग बदलने के नाम पर बड़े पैमाने पर राजमार्गों में भ्रष्टाचार हुआ। आपदा मामले में, कुछ लोगों पर धन खा जाने का आरोप लगा है। अगर उत्तराखंड भ्रष्टाचार से लड़ना चाहता है, तो पाशविक शक्तियों से खुद को मुक्त करने के लिए चुनाव में इन्हें हराना ही पड़ेगा। जिस राज्य की हम बात करते हैं, उसमें राजनीति के बल पर अपार धन जुटाने वालों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के भ्रष्टाचार के आरोपियों को पार्टी में नहीं लेने के बयान का भी स्वागत किया। सात लाख नौकरियां देने के भाजपा के दावों पर उठे सवाल: हरीश रावत ने फिर भाजपा के सात लाख रोजगार देने के दावों पर सवाल उठाए। शनिवार को, उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान दिए गए रोजगार का विवरण दिया। PAHAAD NEWS संवाददाता को बताया

उन्होंने कहा कि भाजपा चार साल में सात लाख नौकरियां देने का दावा करती है, लेकिन केवल 3100 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। कांग्रेस सरकार में 32 हजार से ज्यादा नौकरियां दी गईं। रावत ने कहा कि 2014-15 में 1055 कांस्टेबलों की भर्ती की गई, 2015-16 में 1126 कांस्टेबलों की, 2015-16 में 300 एसआई की भर्ती की गई थी। 300 पदों पर रैंकर्स परीक्षा आयोजित की गई थी। 2015-16 में 130 महिला सब इंस्पेक्टर की भी भर्ती कराई गई।

रावत ने अपने कार्यकाल की खूबियों को गिनाया

रावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान विधवा, विकलांग और परित्यक्ता बेटियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई जिलों में पीआरडी और होमगार्ड में आरक्षण का प्रावधान किया गया था। हर जिले में, 51 लड़कियों को प्रशिक्षित किया गया और उनके जिलों में नौकरी दी गई। बकौल रावत, सीएम के अनुसार, मैंने 32 महीनों में 32 हजार सरकारी नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराए। PAHAAD NEWS संवाददाता को बताया