हल्द्वानी, PAHAAD NEWS TEAM

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर एलपीजी गैस वितरण में लगे कर्मचारियों को फ्रंटलाइन कर्मियों का दर्जा दिया है। कोरोना संक्रमण से गैस डिलीवरी बॉय की मृत्यु पर, विभाग को उसके परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा, IOC ने पेट्रोलियम पदार्थ ढोने वाले वाहन चालक परिचालकों को फ्रंटलाइन का दर्जा भी दिया है।

कोविड संक्रमण के मद्देनजर, पिछले साल भी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अपने सभी फ्रंटलाइन कर्मचारियों को यह सुविधा प्रदान की थी, पिछले साल के आदेश की अवधि को बढ़ाया है। हल्द्वानी के भारतीय गैस प्रबंधक रवि मेहरा ने कहा कि आईओसी अपने अग्रिम कर्मचारियों के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने बताया कि कर्म योगी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत, सभी फ्रंटलाइन कर्मचारियों को 1 मई से पुरानी योजनाओं को नवीनीकृत किया गया है।

इसके तहत रिटेल आउटलेट्स कस्टमर अटेंडेड, एलपीजी गैस डिलीवरी ब्वॉय एलपीजी ढोने वाले ट्रक चालक, के अलावा सुरक्षा गार्ड शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सभी कर्मचारियों के जीवन के साथ-साथ उनके दो बच्चों का भी बीमा किया जाएगा। इसके अलावा, यदि फ्रंटलाइन कर्मचारी कोविड से संबंधित बीमारी से पीड़ित है, तो वह एक लाख रुपये का उपचार का लाभ उठा सकता है।

इसके अलावा, IOC पेट्रोलियम पदार्थ की आपूर्ति करने वाला ड्राइवर ऑपरेटर भी इस बीमा कवर के अंतर्गत आता है।