श्रीनगर, PAHAAD NEWS TEAM
हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय अब अपने लिए बिजली खुद बनाएगा . इसके लिए विश्वविद्यालय सौर ऊर्जा का उपयोग करने जा रहा है। विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों में सौर ऊर्जा पैनल लगाए गए हैं। विवि के मुताबिक इससे बिजली बिल में सालाना 25 लाख रुपये तक की बचत होगी।
अब तक हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय को 4.80 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है। वहीं, सौर ऊर्जा के माध्यम से विश्वविद्यालय को यह बिजली 1.80 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलेगी। जिससे विश्वविद्यालय को प्रति यूनिट 3 रुपये की बचत होगी। जिससे विश्वविद्यालय को सालाना ₹25 लाख तक की बचत होने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार की योजना के तहत सभी केंद्रीय संस्थानों को ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता को खत्म करना है। इसके लिए यूनिवर्सिटी सोलर एनर्जी के जरिए बिजली पैदा करने का काम करेगी। केंद्र ने इसके लिए एक कंपनी से करार भी किया है, जिसके तहत कंपनी इस प्रोजेक्ट की लागत और रखरखाव 25 साल तक देखेगी।
इस योजना के तहत चौरास में 480 किलोवाट, श्रीनगर में 250 किलोवाट और टिहरी में 50 किलोवाट का प्लांट लगाया जा रहा है. विश्वविद्यालय के विद्युत विभाग के सहायक अभियंता नरेश खंडूरी ने बताया कि इससे विश्वविद्यालय को सालाना 25 लाख रुपये तक का लाभ होगा. इसके लिए विश्वविद्यालय इन सोलर पैनल को ग्रिड से जोड़ेगा, जिसके बाद ऊर्जा निगम विश्वविद्यालय के सब-स्टेशन में मीटर लगाएगा। इन मीटरों से बिजली उत्पादन और खपत को ट्रैक किया जाएगा।
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