देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

राज्य में मास्साब वेतन नहीं मिलने से चिंतित हैं, इसलिए कोरोना का डर सचिवालय में शिक्षा के वर्गों में व्याप्त है। माध्यमिक के जिस अनुभाग से वेतन की धनराशि शिक्षा निदेशालय को जारी की जाती है, वहां अनुभाग अधिकारी सहित अन्य कर्मी हैं, जो इन दिनों बीमार हैं। नतीजा यह है कि वेतन आदेश जारी करने के लिए कार्यालय में कर्मियों की कमी हो गई है। अब कमोबेश यही स्थिति शिक्षा निदेशालय में भी हो रही है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर भी कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं। वित्तीय वर्ष के पहले महीने में वेतन मिलने में दिक्कतें आई हैं, लेकिन कोरोना ने इस संकट को और बढ़ा दिया है। वेतन देने की मांग को लेकर शिक्षक संगठन बांहें चढ़ा रहे हैं। वर्तमान में, शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने सरकार और विभाग को निर्देश दिए है कि समस्या को जल्द हल करने के लिए मिलकर काम किया जाए।

बेटियों ने रोशन किया स्कूल का नाम

उत्तरकाशी जिले के दूरस्थ ब्लॉक पुरोला में स्थित सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय डेरिका इन दिनों इठलाया हुआ है। स्कूल की तीन बेटियों ने अपने स्कूल और पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया हैं । कुमकुम, ज्योति और स्नेहा को आठवीं कक्षा पास करने के साथ नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम (NMMSS) में चुनी गईं है। अब उन्हें हर महीने 1000 रुपये की छात्रवृत्ति नौवीं से 12 वीं कक्षा तक मिलेगी। कुल चार वर्षों में, छात्रवृत्ति के रूप में 48 हजार की राशि के साथ, उनके लिए बेहतर अध्ययन करने का अवसर मिलेगा । देश भर में इस योजना में लगभग एक लाख छात्र-छात्राएं का चयन किया जाता है। गरीब मेधावी छात्रों के लिए आगे बढ़ने का यह एक दुर्लभ अवसर है। इनमें से कुमकुम ने दोहरी सफलता हासिल की। उन्हें जवाहर नवोदय विद्यालय में नौवीं कक्षा में लिखित परीक्षा में चुना गया है। स्कूल के हेडमास्टर एमपी सेमवाल छात्राओं के प्रदर्शन से बहुत प्रभावित हैं।