देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

हरिद्वार धर्म संसद में कथित भड़काऊ भाषण के मामले में पुलिस ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. मामले की जांच के लिए एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है. डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल का कहना है कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

हाल ही में हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसका एक वीडियो काफी वायरल हुआ था। वीडियो में कुछ साधु-संतों ने भड़काऊ भाषण (हरिद्वार हेट स्पीच) दिए। जिसके बाद पुलिस ने हरिद्वार नगर कोतवाली में गुलबहार खान की तहरीर पर पुलिस ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी), महामंडलेश्वर धरमदास और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती के नाम मामला दर्ज किया था. जिसके बाद पुलिस ने वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर सागर सिंधु महाराज और यति नरसिंहानंद गिरि के नाम भी एफआईआर में जोड़े थे.

बीते दिन एसपी सिटी शेखर सुयाल ने बताया कि 23 दिसंबर को जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसके बाद 25 दिसंबर को इसमें दो और लोगों महामंडलेश्वर धरमदास और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती के नाम जुड़ गए। वहीं, वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर दो अन्य सागर सिंधु महाराज और यति नरसिंहानंद गिरि के नाम भी एफआईआर में जोड़े गए.

उधर, मुस्लिम संगठन ने धर्म संसद में विवादित बयान देने और वसीम रिजवी उर्फ ​​जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कल पुलिस मुख्यालय तक मार्च निकाला. इस दौरान पुलिस ने बेरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोका। जिसके बाद लोगों ने वहीं बैठकर विरोध करना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने मामले में पुलिस महानिदेशक से कार्रवाई की मांग की है.

ये है पूरा मामला: सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार के लिए 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में तीन दिवसीय धार्मिक संसद का आयोजन किया गया. हरिद्वार धर्म संसद के चार दिन बाद ऋषियों द्वारा दिए गए बयानों को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल हो गया। सोशल मीडिया पर इन बयानों की निंदा की गई। धर्म संसद में वक्‍ताओं पर कथित तौर पर एक विशेष समुदाय के खिलाफ हिंसा की पैरवी की और ‘हिंदू राष्‍ट्र’ के लिए संघर्ष के आह्वान का आरोप लगा था. धर्म संसद में 500 के आसपास महामंडलेश्वर महंत थे और 700-800 अन्य संत थे.धर्म संसद में जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि, रुड़की के सागर सिंधुराज महाराज, संभवी धाम के आनंद स्वरूप महाराज, जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा मां, पटना के धर्मदास महाराज शामिल थे. इन सभी ने धर्म संसद में अपने विचार रखे थे।