देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर प्रदेश में खुशियों की सवारी सेवा शुरू करने की तैयारी में है. इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अगले दो महीने में एक बार फिर योजना से जुड़ी वैन सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी.

राज्य सरकार ने वर्ष 2011 में खुशियों की सवारी योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत प्रसव के बाद मां और बच्चे को घर पहुंचाया जाता है। आपात स्थिति में गर्भवती महिलाओं को भी इसी वैन के जरिए अस्पताल लाया जाता है। शुरुआत में यह योजना किराये के वाहनों में शुरू की गई थी। इसके बाद 30 मार्च 2013 को सरकार ने किराये की वैन के स्थान पर स्वयं के वाहन खरीदकर योजना का संचालन किया। पहले कुछ वर्षों में इनकी संख्या में वृद्धि हुई।

पर्वतीय क्षेत्रों में यह योजना बहुत सफल रही। इसकी मांग भी बढ़ने लगी है। खुशियों की सवारी चलाने की जिम्मेदारी सभी जिलों के सीएमओ को दी गई। इसके लिए 450 रुपये प्रति केस तय किया गया था। समय के साथ मेंटेनेंस के अभाव में ये वाहन क्षतिग्रस्त होने लगे। संचालन में आ रही दिक्कतों के चलते सीएमओ ने इस योजना को छोड़ दिया। 2019 में इस योजना का संचालन लगभग ठप हो गया। कोरोना के दौरान खड़े होकर वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

कुछ ऐसे वाहनों की नीलामी भी की गई। योजना के बंद होने से नाराज जनप्रतिनिधियों ने इसे शुरू करने के लिए आवाज उठाई. ऐसे में अब सरकार एक बार फिर इसके संचालन की कवायद में जुटी है. अब इसे एक निजी कंपनी के जरिए संचालित करने की तैयारी है। जिससे वाहनों के रख-रखाव की जिम्मेदारी कंपनी को ही लेनी चाहिए। इसके लिए टेंडर मांगे गए हैं।

इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत इस योजना का पुन: संचालन किया जा रहा है. टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य में जल्द ही खुशियों की सवारी योजना शुरू कर दी जाएगी।