देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

आम आदमी को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में उत्तराखंड सरकार गंभीरता से आगे बढ़ रही है। ‘गवर्नमेंट बुजुर्गों के द्वार’ ‘ कार्यक्रम के तहत ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिसमें डॉक्टर वरिष्ठजनों से संपर्क कर उनके स्वास्थ्य का हाल-चाल पूछेंगे । स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को स्वास्थ्य के क्षेत्र में जनकल्याण संकल्प विषय पर आयोजित ई-संवाद में यह बात कही।

उनका कहना है कि पांच सरकारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, रुद्रपुर और श्रीनगर में काम शुरू हो रहा है. इनमें से 40 प्रतिशत सहायक प्रोफेसर की नियुक्तियां हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि हर जिला, प्रखंड, तहसील स्तर के अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी कार्यरत हैं. अस्पतालों में सभी जांच और दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। डॉक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे बाहर से दवा न लिखें।

वहीं, अटल आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये तक के नि:शुल्क इलाज की सुविधा के साथ सरकारी अस्पतालों में 156 पैथोलॉजी जांच नि:शुल्क की जा चुकी है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार प्रसव के समय गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था शुरू करने जा रही है. उत्तराखंड लिंगानुपात में पिछड़ा न हो इसके लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार एक बड़े कदम के रूप में आशा कार्यकर्ताओं को पांच हजार रुपये प्रति माह की सहायता राशि देने पर भी विचार कर रही है. उन्होंने टेलीमेडिसिन, कोरोना वायरस संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों सहित अन्य कदमों का भी जिक्र किया। राज्य महासचिव संगठन अजय ने कहा कि कोरोना काल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है. कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रसाद गैरोला ने किया।