देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

कोविड युग में मदद का हाथ बढ़ाने के बाद, ग्राफिक एरा ने दूर के छात्र-छात्राओं को विमान से सुरक्षित उनके घरों में भेजने की व्यवस्था करके एक नई शुरुआत की है। सोमवार को, लगभग सौ छात्र-छात्राओं को विमान से उनके घर भेजा गया । इसके अलावा मुरादाबाद, दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, हल्द्वानी, काशीपुर, बिजनौर, सहारनपुर आदि के छात्रों को बसों और कारों से उनके घर भेजा गया है। हॉस्टल से सुबह निकले छात्र-छात्राएं , शाम से पहले ही अपने घर पहुँच गए ।

ये छात्र विभिन्न राज्यों से ऑफ़लाइन कक्षाओं के शुरू होने पर विश्वविद्यालय पहुंचे थे। यह कदम ग्राफिक एरा ने कई स्थानों पर लॉकडाउन की घोषणा और राज्य सरकार कोविड की दूसरी लहर के कारण ऑफ़लाइन कक्षाओं को बंद करने की घोषणा के बाद उठाया है। सोमवार को छात्र-छात्राएं को देहरादून से आंध्र प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, वाराणसी और लखनऊ भेजा गया।

ये सभी छात्र-छात्राएं ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय और ग्राफिक एरा हिल विश्वविद्यालय के हैं, जो छात्रावास में थे। ग्राफिक एरा की इस पहल का विभिन्न राज्यों में अपने बच्चों की चिंतित अभिभावकों ने स्वागत किया है। विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें अपने खर्च पर घर भेजने की घोषणा के बाद कई छात्राएं तो भावुक हो उठीं।

हैदराबाद की वत्या पांडेय और आरुषि चोपड़ा ने कहा कि यह तो वे सोच भी नहीं सकती थीं कि कोई विश्वविद्यालय इतनी देखभाल भी कर सकता है। ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. कमल घनशाला ने कहा कि जिस तरह शरीर में धमनियां होती हैं, उसी तरह से छात्र विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इन्हें सुरक्षित रखना आवश्यक है।

डॉ. कमल घनशाला ने कहा कि अगर ऑफलाइन कक्षाएं बंद होने के बाद बच्चों को खुद ही जाने के लिए कहा जाता है, तो बहुत सारे माता-पिता उन्हें लेने के लिए यहां आते और माता-पिता को खुद संक्रमण का खतरा होता । इसलिए ग्राफिक एरा ने यह व्यवस्था की।