देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड में 20 साल की सेवा पूरी कर चुके कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल के परिवार ग्रेड पे के लिए जुटे हुए हैं. पुलिस कर्मियों के ग्रेड पे का मामला बेहद पेचीदा होता जा रहा है। मामले को निपटाने के लिए 16 अगस्त को होने वाली कैबिनेट बैठक में एक बार फिर इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है. हालांकि इससे पहले भी 4600 ग्रेड पे के निपटारे के लिए गठित कैबिनेट की उपसमिति की दो बैठकें हो चुकी हैं, जो बेनतीजा रही.

पुलिस परिवारों के आंदोलन को देखते हुए 16 अगस्त को विधानसभा में बैठक बुलाई गई है. उम्मीद है कि इस प्रस्तावित बैठक में 4600 ग्रेड पे विवाद का हल निकल सकता है. हालांकि यह मामला अपने आप में तकनीकी रूप से काफी जटिल प्रतीत होता है, जिससे समाधान की संभावनाएं कई आशंकाएं पैदा करती हैं।

पुलिस कर्मियों के ग्रेड पे विवाद को लेकर शासन स्तर पर वार्ता के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर पहले ही कमेटी गठित कर दी गई है, जो शासन स्तर से संबंधित उपसमिति से समाधान के लिए लगातार बातचीत कर रही है. लेकिन जटिल मामले को देखते हुए सरकार द्वारा कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में एक विशेष कैबिनेट कमेटी का गठन किया गया.

कैबिनेट द्वारा पहली बार 13 जुलाई 2021 को और दूसरी बार 27 जुलाई 2021 को ग्रेड पे के निपटारे के लिए बैठक बुलाई गई, जो अनिर्णायक रही। ऐसे में इस विवादास्पद विषय का समाधान निकालने के लिए एक बार फिर 16 अगस्त को विधानसभा में तीसरी बैठक बुलाई गई है. जिसमें आला पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

यह है पूरा मामला आपको बता दें कि उत्तराखंड पुलिस विभाग में 20 साल या उससे अधिक समय से कार्यरत वरिष्ठ पुलिस कर्मियों को दारोगा के पद पर पदोन्नति न मिलने के बावजूद 4600 ग्रेड पे के अनुसार वेतन भुगतान का प्रावधान है. कुछ समय पहले इन पुलिस कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा इंस्पेक्टर के ग्रेड पे से हटाकर एएसआई पद की श्रेणी में रखा गया था। अब 4600 की जगह 2800 ग्रेड पे के हिसाब से वेतन देने की कवायद की जा रही है, जिससे पुलिसकर्मियों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने शासन स्तर पर कमेटी का गठन किया है.