देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

शहरी के साथ ही राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में लगी हुई है. गंभीरता से काम करते हुए, पिछले दो महीनों में सुविधाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। सरकार आने वाले समय में चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार है।

काबीना मंत्री गणेश जोशी ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में सरकार को कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति के साथ-साथ सरकार के प्रयासों से अवगत कराया. इसमें कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पहले से मौजूद उपचार ढांचे को कोविड उपचार के अनुकूल बनाने के लिए रणनीति पर काम किया गया । जिससे बिना समय गंवाए ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड सुविधाओं का विकास और अस्पतालों पर बोझ भी नियंत्रित हुआ है । जिला पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधानों एवं बीडीसी सदस्यों जैसे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से सीधे संवाद स्थापित कर जिला स्तरीय टीम के रूप में कार्य किया जा रहा है.

बताया कि सहस्राधार स्थित आयुर्वेदिक वेलनेस हेल्थ केयर केंद्र में पांच ऑक्सीजन बेड, सरोना स्थित एलोपैथिक चिकित्सा केंद्र में चार आक्सीजन बेड, भगवंतपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चार आक्सीजन बेड, कालसी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 आक्सीजन बेड, चकराता स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच आक्सीजन बेड लगाए गए हैं।

कबीना मंत्री गणोश जोशी ने कहा कि 12 मार्च को सरकार के नए मंत्रिमंडल को कामकाज के लिए आवंटित किया गया था. तब से सुविधाओं में कई गुना वृद्धि हुई है। पहले देहरादून में 601 ऑक्सीजन बेड थे, जो अब 2432 हैं। आईसीयू 145 से बढ़कर 836 हो गया है। वेंटिलेटर की संख्या 103 से बढ़कर 265 हो गई है।