हरिद्वार , PAHAAD NEWS TEAM

कुंभ में कोरोना टेस्ट के फर्जीवाड़े का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. कुंभ कोरोना टेस्ट फ्रॉड मामले में तमाम लैब संचालक घिरते नजर आ रहे हैं. वहीं, एसआईटी ने कोरोना टेस्टिंग फ्रॉड के आरोपी शरत पंत और मल्लिका पंत की संपत्तियों को कुर्क करने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. साथ ही गैर जमानती वारंट के लिए कोर्ट में अर्जी भी दाखिल की जा रही है. जिसके बाद कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद एसआईटी अगली कार्रवाई करेगी।

बता दें कि कुंभ में श्रद्धालुओं की कोविड जांच का काम दिल्ली की मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज को दिया गया था. बड़े पैमाने पर जालसाजी के सामने आने के बाद सीएमओ ने इस मामले में हरिद्वार शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. जिसकी जांच एसआईटी कर रही है। हाल ही में एसआईटी ने भिवानी की डेलफिया लैब के मालिक आशीष वशिष्ठ को गिरफ्तार किया था। आशीष वशिष्ठ ने पूछताछ के दौरान बताया था कि उसने मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज पार्टनर और पति-पत्नी शरत पंत और मल्लिका पंत के कहने पर ही आईसीएमआर पोर्टल पर कोरोना टेस्टिंग की फर्जी एंट्री अपलोड कराई है.

जांच में अहम सबूत मिलने पर शरत पंत और उनकी पत्नी मल्लिका पंत को भी मामले में नामजद किया गया है। इसके बाद से दोनों पकड़ से बाहर चल रहे हैं। जांच अधिकारी राजेश साह ने सोमवार को शरत पंत और मल्लिका पंत के खिलाफ गैर जमानती वारंट और कुर्की कार्रवाई के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जी दी है.