देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ने के बाद, उनके मंत्रिपरिषद के सदस्य भी गैरसैंण को मंडल बनाने के उनके फैसले को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इस कड़ी में अब राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य का नाम जुड़ गया है।

रेखा आर्य ने कहा कि गैरसैंण को मंडल बनाने की घोषणा व्यावहारिक नहीं थी। उस समय पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा बजट सत्र के दौरान गैरसैंण को मंडल बनाने की घोषणा पर कोई भी खुलकर नहीं बोल पाया था। अब जब नेतृत्व बदल गया है और नए मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए भी कहा है, तो सत्ताधारी दल के विधायकों ने भी पूर्व मुख्यमंत्री के फैसले पर टिप्पणी करना शुरू कर दिया है। इस क्रम में मीडिया से बात करते हुए, राज्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि गैरसैंण को मंडलबनाते हुए अल्मोड़ा और बागेश्वर को भी जोड़े जाने का फैसला जनमानस की भावनाओं के अनुरूप नहीं रहा। यह अपेक्षा की गई है कि उसे पहले जिले के स्वरूप में लाया जाए।

उनका अपना मत यह भी है कि अल्मोड़ा को गैरसैंण मंडल में लाना उचित नहीं है। अल्मोड़ा अपने अस्तित्व के साथ नैनीताल मंडल से जुड़ा हुआ है। उन्होंने इस मामले पर पुनर्विचार के लिए नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा और बागेश्वर के निवासियों के लिए नैनीताल जाना आसान रहता है। अल्मोड़ा का अपना अस्तित्व और जनता की भावनाएँ हैं।

राज्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि गैरसैंण को मंडलबनाते हुए अल्मोड़ा और बागेश्वर को भी जोड़े जाने का फैसला जनमानस की भावनाओं के अनुरूप नहीं रहा। यह अपेक्षा की गई है कि उसे पहले जिले के स्वरूप में लाया जाए।अल्मोड़ा अपने अस्तित्व के साथ नैनीताल मंडल से जुड़ा हुआ है। उन्होंने इस मामले पर पुनर्विचार के लिए नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को धन्यवाद दिया।