देहरादून, पहाड़ न्यूज टीम

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत बनाई जा रही हेल्थ आईडी को लेकर लोगों में काफी जागरूकता है. इससे कम समय में 22 लाख 44 हजार 889 लोगों को स्वास्थ्य पहचान पत्र बनाया जा चुका है, वहीं अब भी लोग लगातार स्वास्थ्य पहचान पत्र बनवाने पहुंच रहे हैं।

डिजिटल दुनिया में स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) का अपना ही महत्व है। केंद्र द्वारा संचालित इस योजना के तहत राज्य में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य आईडी बनाया जाना है। जिसमें उनकी सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियां होंगी। इसके अलावा, 913 (HPR) डॉक्टरों और चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने वाले पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सों ने इस मिशन में अपना पंजीकरण कराया है।

वहीं, एचएफआर के तहत चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने वाले 130 अस्पतालों ने भी एबीडीएम में अपना पंजीकरण कराया है। डिजिटल हेल्थ आईडी, हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री (HFR) बनाने का काम लगातार जारी है. जाहिर है इस रफ्तार की अहम वजह यह भी है कि इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से काफी प्रयास किए जा रहे हैं.

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत बनाई जा रही हेल्थ आईडी में कार्डधारक की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां एक जगह सुरक्षित रखी जाएंगी। हेल्थ केयर प्रोफेशनल रजिस्ट्रेशन के माध्यम से आपको अपने डॉक्टर की पढ़ाई और विशेषज्ञता के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। स्वास्थ्य सुविधा पंजीकरण के साथ, प्रत्येक रोगी अस्पताल में स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की विशेषता, विशेषज्ञता और अनुभव के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होगा।