जिस दिन ये सारे तथ्य प्रमाणित रूप से सामने आएंगे, मैं गांधीजी की प्रतिमा के सामने बैठकर राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दूंगा।

देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

कांग्रेस नेता लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव में मिली हार को पचा नहीं पा रहे हैं. करारी हार के बाद पार्टी में अंदरूनी कलह सबके सामने आ गई है. पार्टी नेताओं ने जमकर एक दूसरे पर हार का आरोप लगाया। लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत को पार्टी नेताओं ने सबसे ज्यादा निशाना बनाया, पार्टी नेताओं ने जिन्हें हार के लिए जिम्मेदार ठहराने से भी गुरेज नहीं किया । वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर ताजा पोस्ट शेयर किया है। जिसमें उन्होंने ऐसे नेताओं पर पलटवार किया है. साथ ही उन्होंने मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बयान पर लिखा है कि जिस दिन ये सारे तथ्य प्रमाणित रूप से सामने आएंगे, मैं गांधीजी की प्रतिमा के सामने बैठकर राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दूंगा.

हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा है कि चुनाव हारने के बाद लंबे समय से सोशल मीडिया पर मुझ पर बिना सिर-पैर के हमले करने वालों की बाढ़ आ गई है. धामी के धूम पेज पर मुझ पर हमला करने वाले बीजेपी के लोगों के साथ-साथ हमारे एक नेता से जुड़े कुछ लोग भी मुझ पर गोले दाग रहे हैं, उन्हें लगता है कि यही मौका है हरीश रावत को मारने का. हरीश रावत ने आगे लिखा कि मैं करीब 241 किमी दूर एक अवांछित चुनावी जंग में फंस गया था, 3-4 फरवरी तक जो कुछ भी हो रहा था, उसकी खबर खोजने का समय नहीं मिल रहा था। विश्वविद्यालय का मुद्दा कहां से उठा, किसने उठाया, किसके सामने! और उस व्यक्ति को पार्टी का उपाध्यक्ष किसने बनाया! यह कहानी अब स्पष्ट रूप से पूरे राज्य के लोगों को पता है।

विश्वविद्यालय की बात कहने वाले व्यक्ति की सियासी जिंदगी में उसे सचिव व महामंत्री बनाने वाला नाम भी सामने आ चुका है। हरिद्वार ग्रामीण में पर्यवेक्षक के रूप में विस्फोटक वार्ताकार को किसने और किसके कहने पर भेजा? यह तथ्य अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन पहले से ही संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र हरिद्वार ग्रामीण के उम्मीदवार को हराने का उद्देश्य स्पष्ट था, वह मेरी बेटी है, यानी कुछ लोग बाप का इंतजाम करने के बाद बेटी की हार का भी इंतजाम करने में लग गए थे ।

मैं जानता हूं कि अगर मैं इस पूरे मामले की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यालय में अनशन पर बैठूंगा तो एआईसीसी को एक स्वतंत्र उच्च स्तरीय जांच करनी होगी। मैं जानता हूं कि पार्टी को गहरे घाव हुए हैं। मैं अपने घाव भरकर पार्टी के घावों में संक्रमण नहीं फैलाना चाहता। लेकिन मुझ पर लगातार लगाए जा रहे झूठे आरोपों और दुष्प्रचार का खंडन भी करना है और दुष्प्रचार फैलाने वाले चेहरों को भी बेनकाब करना है। फिलहाल, मैंने तय किया है कि भाजपा के गलत सूचना प्रचारकों और कांग्रेस के एक खास नेता का भंडाफोड़ करना होगा।

मैंने बीजेपी के धामी की धूम पेज को चुनौती दी थी कि वह मुझे उस अखबार की 10 प्रतियां पहले दिखाएं और कहा कि वह इस तरह का अखबार लाने वाले को ₹ 50000 का इनाम देंगे । अब कुछ तथाकथित कांग्रेसी हमलावर भी इस प्रचार अभियान में शामिल हो गए हैं। इसलिए मैंने अब इस राशि को बढ़ाकर ₹100000 कर दिया है। अगर कोई अखबार छपता है तो उस अखबार का रजिस्ट्रेशन नंबर प्रिंटर, पब्लिशर, डिस्ट्रीब्यूटर होगा। उस जगह का नाम कहाँ से छपा है? मुद्रित होने वाले सम्पादक एवं संवाददाता का नाम होगा ! सिर्फ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर झूठ पैदा करने वाली और उनकी मदद कर रहे कांग्रेस के हमलावरों को मेरी चुनौती एक अखबार लाने की है जिसमें मैंने विश्वविद्यालय के बारे में बयान दिया है. मैंने धामी के धूम पेज के इस कुकृत्य की जांच की भी मांग की है. जिस दिन ये सारे तथ्य प्रमाणित रूप से सामने आएंगे, मैं गांधीजी की प्रतिमा के सामने बैठकर राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दूंगा।