देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड में दो तिहाई बहुमत हासिल कर फिर से सत्ता में आने जा रही भाजपा के खेमे में इस बार सदन में अनुभव और युवा उत्साह का मिश्रण देखने को मिलेगा.

पार्टी ने चुनाव में 20 नए चेहरों को उतारा था, जिनमें से 12 ने जीत हासिल की है। दिलचस्प बात यह है कि चुनाव में मौजूदा 39 में से 11 विधायक इस बार चुनावी सीढ़ी को पार नहीं कर सके।

बीजेपी को पिछली बार की तुलना में 10 सीटें कम मिलीं

बीजेपी ने पिछले चुनाव में 70 में से 57 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर प्रचंड बहुमत हासिल किया था. इसे देखते हुए पार्टी के सामने इस बार भी वही प्रदर्शन दोहराने की चुनौती थी.

हालांकि भाजपा को पिछली बार की तुलना में 10 सीटें कम मिलीं, लेकिन वह दो-तिहाई बहुमत हासिल करने में सफल रही। साथ ही उन्होंने उस मिथक को भी तोड़ा है, जिसमें कहा गया था कि राज्य में सत्ताधारी दल हर पांच साल में बदल जाता है।

टिकट बंटवारे में काटे नौ विधायकों के टिकट

विधानसभा चुनाव से पहले हुई उठापटक के दौरान पार्टी के चार विधायक दूसरी पार्टी में शामिल हो गए थे, जबकि एक सीट खाली हो गई थी. इसके बाद पार्टी ने टिकट वितरण में नौ विधायकों के टिकट काटे थे, जबकि तीन सीटों पर विभिन्न कारणों से संबंधित विधायकों के स्थान पर उनके रिश्तेदारों को टिकट दिया गया था.

नए चेहरों में से 12 और अन्य में से सात जीते

बीजेपी ने 39 मौजूदा विधायकों, 20 नए चेहरों और 12 ऐसे चेहरों को टिकट दिया, जो पहले चुनाव लड़ चुके थे या पूर्व विधायक थे. नतीजे आए तो 28 मौजूदा विधायक फिर से जीत दर्ज करने में सफल रहे। नए चेहरों में से 12 और अन्य में से सात ने जीत हासिल की।

उधर, चुनाव में पिछली बार की तुलना में 10 सीटें कम होने पर पार्टी नेतृत्व ने हर सीट की जीत-हार के कारणों की रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है. पार्टी अब साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए विधानसभा क्षेत्रवार कार्ययोजना तैयार कर रही है.

बीजेपी के नए चेहरे

दुर्गेश्वरलाल, सुरेश चौहान, भूपाल राम टम्टा, बृजभूषण गैरोला, सुरेश गडिया, फकीरराम टम्टा, मोहन सिंह मेहरा, मोहन सिंह बिष्ट, त्रिलोक सिंह चीमा, सविता कपूर, रेणु बिष्ट व शिव अरोड़ा शामिल थे ।