देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM
अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सम्मानित किया. सीएम धामी ने लक्ष्य सेन की प्रतिभा का सम्मान करते हुए उन्हें प्रोत्साहन के तौर पर 15 लाख रुपये भेंट किए। साथ ही सीएम ने लक्ष्य सेन के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। लक्ष्य सेन ने हाल ही में स्पेन के ह्यूएलवा में हुई बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर भारत और उत्तराखंड का नाम रौशन किया।
अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं। लक्ष्य को बैडमिंटन विरासत में मिली है। लक्ष्य सेन के दादा अल्मोड़ा में बैडमिंटन खेलते थे। लक्ष्य सेन के पिता डीके सेन भी बैडमिंटन कोच हैं, लेकिन लक्ष्य के खेल के प्रति जुनून उनके भाई चिराग को देखकर ही पैदा हो गया। लक्ष्य के बड़े भाई चिराग सेन भी एक भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। मां निर्मला धीरेन सेन ने भी अपने बेटों के खेल और सफलता के लिए बहुत त्याग किया है। लक्ष्य को बैंगलोर में इन्पायर्ड इंडियन फेडरेशन के समारोह में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए यूथ आइकन ऑफ द ईयर का पुरस्कार भी दिया गया।
13 साल की उम्र में चिराग नेशनल रैंकर बन गए थे। घर में बैडमिंटन का माहौल था और फिर बड़े भाई को देखकर लक्ष्य ने भी इस खेल में दिलचस्पी दिखाई। जब उनके दादाजी खेलने जाते तो लक्ष्य को अपने साथ ले जाते और फिर उनके पिता उन्हें खेल की बारीकियां सिखाने लगे।
आज अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी व उत्तराखण्ड के लाल श्री लक्ष्य सेन जी को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया। उनकी प्रतिभा का आदर करते हुए उन्हें 15 लाख रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि भेंट की। pic.twitter.com/zs8ZmjFzeq
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 26, 2021
2010 लक्ष्य सेन के लिए जीवन बदलने वाला साल कहा जा सकता है। इस साल वह बैंगलोर में जूनियर स्तर का टूर्नामेंट खेल रहे थे। यहीं पर भारत के महान बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण और भारत के पूर्व कोच विमल कुमार की नजर उन पर पड़ी। लक्ष्य के साथ उसका भाई चिराग भी था, लेकिन विमल और पादुकोण दोनों को लक्ष्य का खेल ज्यादा पसंद था। प्रकाश पादुकोण की अकादमी में चिराग का चयन हो गया था, लेकिन लक्ष्य सेन भी वहीं रहना चाहते थे। विमल को लगा कि वह अभी छोटा है, लेकिन उसकी प्रतिबद्धता और जुनून को देखकर वह मान गया।
लक्ष्य सेन की उपलब्धियां: 15 साल की उम्र में लक्ष्य सेन ने नेशनल जूनियर अंडर-19 का खिताब अपने नाम किया। 2015 में, लक्ष्य ने अंडर -17 राष्ट्रीय खिताब जीता। 2016 में उन्होंने फिर से अंडर-19 में गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 17 साल की उम्र में 2017 में सीनियर नेशनल फाइनल खेला और खिताब जीता। 2018/19 में, वह फिर से सीनियर नेशनल फ़ाइनल में खेले लेकिन इस बार उन्हें रजत पदक मिला। लक्ष्य जूनियर स्तर पर कमाल दिखा रहा था। 2018 में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने जूनियर विश्व चैंपियन थाईलैंड के विटिड्सारन को हराया। उन्होंने 2018 में युवा ओलंपिक खेलों में रजत पदक भी जीता था।
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