देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड में जंगल की आग भले ही थोड़ी ठंडी हो गई हो, लेकिन हर साल आने वाली इस परेशानी के लिए अब वन विभाग ने बड़े पैमाने पर अध्ययन करने की तैयारी की है. इसके लिए वन विभाग की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया है, जो साल 2020 में जंगल में आग लगने की घटनाओं का अध्ययन करेगी और अगले 3 महीने में रिपोर्ट देगी. यह जांच कमेटी वन मंत्री के निर्देश के बाद बनाई गई है।

हर साल जंगल की आग के कारण राज्य को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। विशेषकर राज्य को इससे भारी पर्यावरणीय क्षति होती है। ऐसे में जंगल की आग से निपटने के लिए वन विभाग ने वर्ष 2020 में हुई घटनाओं का अध्ययन करने का निर्णय लिया है. आपको बता दें, वर्ष 2020 के दौरान राज्य में पूर्ण रूप से लॉकडाउन था और इस दौरान की घटनाएं राज्य में जंगल की आग सबसे कम थी। इसलिए यह कमेटी इस बात का अध्ययन करेगी कि यह कैसे हुआ और इसके पीछे क्या कारण थे।

इसके लिए वन विभाग की ओर से 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। IFS अधिकारी धनंजय मोहन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। यह कमेटी 3 महीने के अंदर वन विभाग को अपनी रिपोर्ट देगी। इस दौरान साल 2020 में जंगल की आग इतनी कम क्यों हुई? इसके पीछे के कारणों का अध्ययन किया जाएगा। मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बताया कि वन मंत्री ने अंतिम वन अग्निकांड को लेकर बैठक की थी. बैठक में जांच के संबंध में निर्णय लिया गया।