काशीपुर , PAHAAD NEWS TEAM

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कथित ऑडियो को लेकर कांग्रेस महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल ने अपना स्पष्टीकरण पेश किया है. उन्होंने कहा कि वायरल ऑडियो में उनकी आवाज नहीं है. वायरल वीडियो में उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने वायरल हो रहे ऑडियो की जांच की मांग की है.

बता दें कि कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी का ऑडियो 23 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पार्टी नेतृत्व ने संज्ञान लिया है. साथ ही उन पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने महानगर अध्यक्ष को एक सप्ताह के भीतर राज्य कांग्रेस कमेटी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है. मामले की शुरुआत 23 अक्टूबर को कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल की एक कथित ऑडियो क्लिप के सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने से हुई।

जिसमें वह खुद विधानसभा चुनाव नहीं जीतने पर कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी रहे मुक्ता सिंह को टिकट मिलने पर हरवानी से चुनाव की बात करते नजर आए। साथ ही उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे मनोज जोशी के खिलाफ भी जमकर आग उगली थी। मीडिया से बात करते हुए महानगर अध्यक्ष ने वायरल ऑडियो में अपनी आवाज होने से इनकार किया है. सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल होने के बाद पार्टी नेतृत्व ने इसका संज्ञान लिया है।

कांग्रेस के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने महानगर अध्यक्ष को भेजे पत्र में कहा कि अनर्गल बयानबाजी ने पार्टी संगठन की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जो महानगर अध्यक्ष पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है. इससे पहले भी आप मीडिया और सोशल मीडिया में सार्वजनिक बयान देते रहे हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं, जो पार्टी की छवि खराब करने का काम कर रहे हैं.

पार्टी की ओर से दिए गए नोटिस में उन्हें एक सप्ताह के भीतर राज्य कांग्रेस कमेटी के समक्ष अपना स्पष्टीकरण व्यक्तिगत रूप से पेश करने को कहा गया है. कांग्रेस महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वायरल वीडियो में उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. यह जघन्य कृत्य पार्टी की छवि खराब करने के लिए किया गया है, जिससे वह इनकार करते हैं, वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के समक्ष ऑडियो की निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे।