देहरादून , पहाड़ न्यूज टीम

राजधानी देहरादून में सहकारिता सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने भेड़-बकरी एवं मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की. इस दौरान विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रचार-प्रसार के संबंध में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए. इस दौरान सचिव ने स्पष्ट किया कि अधिकारी विकास योजनाओं की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दें.

दरअसल, भेड़ बकरी एवं मत्स्य विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें सचिव डॉ पुरुषोत्तम ने कहा कि अधिकारी सप्ताह भर का चार्ट तैयार करें. सप्ताह में क्या कार्य किया गया था? उन कार्यों को प्रतिदिन विभाग के ट्विटर हैंडल पर डालें। एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के तहत, उत्तराखंड सरकार न्याय पंचायत और ग्राम स्तर पर विकास के लिए दो विभागों को वित्त पोषित कर रही है। सचिव ने कहा कि सभी विभागों की वेबसाइट बनाई जाए और उसमें सभी तरह की सचित्र गतिविधियों को डाला जाए.

भेड़ एवं बकरी के परियोजना निदेशक डॉ. अवनीश आनंद ने बताया कि राज्य के 5 जिलों (अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी और रुद्रप्रयाग) में गोट वैली की स्थापना की जा रही है। यहां किसान 25-25 बकरियां रख सकेंगे। सचिव डॉ. पुरुषोत्तम ने कहा कि बकरी घाटी में बनने वाले बड़े-बड़े ढांचों में नाबार्ड की मदद ली जाए और उन्हें कृषि नवाचार कोष में तब्दील किया जाए.

मत्स्य पालन विभाग के परियोजना निदेशक पुरोहित ने कहा कि 7 सहकारी समितियों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से जोड़ा गया है. हरिद्वार में 3 तालाबों की खुदाई का काम चल रहा है। डॉक्टर पुरुषोत्तम ने कहा कि बाजार में ट्राउट मछली की कीमत ज्यादा है, इसे कम करने के लिए आप लोग क्या कर रहे हैं? उन्होंने परियोजना कार्यालय में कुशल मत्स्य निरीक्षक की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि उन्होंने अब तक परियोजना की 10 समीक्षा बैठकें की हैं। हर कर्मचारी और अधिकारी को काम करना होता है। योजनाओं का फील्ड विजिट कर भौतिक सत्यापन किया जाएगा। हर सप्ताह समीक्षा बैठक होगी। नए सप्ताह में बताना होगा कि पिछले सप्ताह में क्या कार्य किया गया है?