देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड में कोरोना की लापरवाही भारी पड़ने लगी है. राज्य में लगातार कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने पहले की तरह सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. उत्तराखंड की डीजी स्वास्थ्य डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने सभी जिलों को निर्देश जारी कर कहा है कि बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों में अगर कोरोना के कोई लक्षण नजर आते हैं तो उनका तत्काल कोरोना टेस्ट कराया जाए. अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे 14 दिन के लिए आइसोलेट कर दिया जाए। जिले और राज्य की सीमा पर कोविड की जांच कराई जाए। इसके साथ ही यह भी आदेश जारी किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति 72 घंटे पहले की कोविड रिपोर्ट दिखाता है तो उसका बार्डर पर परीक्षण नहीं किया जाएगा।

उत्तराखंड में कोरोना को कुल 89 हफ्ते हो चुके हैं। पिछले कुछ समय से उत्तराखंड में कोरोना से स्थिति नियंत्रण में थी, लेकिन हाल ही में राज्य में कोरोना ने फिर से पैर पसारना शुरू कर दिया है. इस समय राज्य में एक्टिव केस (जिनका इलाज चल रहा है) की संख्या 176 है। रविवार शाम की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे में उत्तराखंड में 36 नए कोरोना मरीज आए हैं। वहीं अगर पिछले सप्ताह 21 से 27 नवंबर के बीच की बात करें तो राज्य में अब तक कोरोना के कुल 88 मामले सामने आ चुके हैं.

उत्तराखंड में फिर बढ़ रहा है संक्रमण, कम हो रही जांच : राज्य में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. राज्य में संक्रमितों की बढ़ती संख्या इस बात की गवाही देती है, लेकिन इसके उलट कोविड सैंपल जांच की रफ्तार कम होती जा रही है. राज्य में रोजाना औसतन आठ हजार सैंपल की जांच की जा रही है। आलम यह है कि साढ़े नौ माह में पिछले एक सप्ताह में सबसे कम सैंपलिंग हुई है। पिछले सात दिनों में सिर्फ 55,865 टेस्ट हुए, जो 40,000 टारगेट की तुलना में 80% कम यानी 8,000 दैनिक टेस्ट हुए । स्वास्थ्य विभाग तुरंत जांच की गति तेज करे। तभी कोरोना पर काबू पाया जा सकता है।