देहरादून, PAHAAD NEWS

उत्तराखंड में पिछले कई सालों से इको टूरिज्म पॉलिसी की बात हो रही है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि अभी तक इससे बेहतर कोई पॉलिसी तैयार नहीं हुई है. वन क्षेत्र का इको टूरिज्म के लिए महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए पहली बार वन एवं पर्यटन विभाग ने संयुक्त रूप से नीति का मसौदा तैयार किया है।

इको टूरिज्म न केवल पर्यटन बल्कि वन विभाग (उत्तराखंड वन विभाग) से संबंधित विषय भी है। हालांकि अभी तक पर्यटन विभाग अकेले ही इको टूरिज्म नीति से जूझ रहा था, लेकिन इसमें वन विभाग की अहम भूमिका को देखते हुए अब पहले से तैयार मसौदा वन विभाग के अधिकारियों के सहयोग से तैयार किया गया है. . फिलहाल इको टूरिज्म को लेकर बनाए गए नए मसौदे में संशोधन का काम चल रहा है और इसके बाद अगर सब कुछ ठीक रहा तो राज्य में जल्द ही इको टूरिज्म पॉलिसी लागू हो सकती है।

दरअसल, विभिन्न राज्यों की नीतियों का अध्ययन कर वन विभाग के अधिकारी पीके पात्रो ने प्रदेश में नई इको टूरिज्म नीति का खाका तैयार किया है. उनका मानना है कि फिलहाल इको टूरिज्म के मसौदे को संशोधित किया जा रहा है और इसे जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। राज्य के लिए इको टूरिज्म बहुत महत्वपूर्ण है और पर्यटक उत्तराखंड में प्रकृति के खूबसूरत नजारे के साथ विभिन्न ट्रैकों के माध्यम से आनंद लेते रहे हैं, लेकिन पर्यटन और वन विभाग का उद्देश्य इसके लिए एक नीति तैयार करना है ताकि पर्यटक उत्तराखंड की यात्रा कर सकें। इको टूरिज्म के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए और इसकी स्पष्ट दिशा भी निर्धारित की जा सकती है।

इको टूरिज्म क्या है: इको टूरिज्म का मतलब है प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना। प्रकृति और पर्यावरण को संरक्षित करने वाले स्थानों की यात्रा करना। आसान शब्दों में कहें तो इको टूरिज्म का अर्थ है प्रकृति और पर्यावरण की देखभाल करना और उसका संरक्षण करना। इको टूरिज्म पर्यटकों की प्राकृतिक क्षेत्रों और प्राकृतिक सुंदरता से भरे क्षेत्रों की यात्रा को परिभाषित करता है। प्रकृति और पर्यावरण के अनुकूल यात्रा को इकोट्रैवल नाम दिया गया है।