देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

नगर निगम अब सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के बाद अपना पहला एमआरएफ (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर बनाने की तैयारी में है। कारगी में छह माह में बनने वाले इस केंद्र की जिम्मेदारी मैसर्स सनलाइट को दी गई है, जो फिलहाल 15 वार्डों में कचरा संग्रहण का काम कर रही है. केंद्र बनने के बाद उक्त 15 वार्डों के कचरे को शीशमबाड़ा प्लांट में भेजने के बजाय यहीं निपटारा किया जाएगा और नगर निगम को हर माह कूड़ा निस्तारण पर होने वाले खर्च की बचत होगी. एमआरएफ सेंटर में कंपोस्ट खाद बनाई जाएगी। इसके साथ ही कचरे के अलावा पॉलीथिन, कागज और लोहे आदि को अलग-अलग कर अलग-अलग रिसाइकिल किया जाएगा।

शहर में शत-प्रतिशत कूड़ा निस्तारण नगर निगम की बड़ी समस्या है। अभी तक शीशमबाड़ा सेलाकुई में नगर निगम का सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट कार्यरत है। यहां 98 वार्डों का कूड़ा निस्तारण किया जा रहा है, जबकि शेष दो वार्डों में क्लस्टर के तहत कचरा संग्रहण व निस्तारण की जिम्मेदारी संस्थाओं को मिली है. शहर में तीन कंपनियां कूड़ा उठा रही हैं।

चेन्नई एमएसडब्ल्यू के जिम्मे 69 वार्ड हैं, मैसर्स सनलाइट में 15 और मैसर्स भार्गव में 14 वार्ड हैं। निगम ने अक्टूबर में मैसर्स सनलाइट और मैसर्स भार्गव के साथ अनुबंध किया है। इसके तहत इन दोनों कंपनियों को अगले छह महीने के भीतर अपने एमआरएफ सेंटर बनाने हैं। इसके लिए नगर निगम उन्हें जमीन मुहैया कराएगा। निगम ने मैसर्स सनलाइट को कारगी में जमीन उपलब्ध कराई है। पहले इस भूमि में बहुत सारा कचरा एकत्र किया जाता था, जिसे धूप के माध्यम से उठाकर शीशमबाड़ा प्लांट में भेज दिया जाता था।

निगम को कचरा शीशमबाड़ा तक ले जाना काफी महंगा पड़ रहा है। ऐसे में वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके सिंह ने मैसर्स सनलाइट को अप्रैल तक एमआरएफ सेंटर बनाने को कहा है. डॉ. सिंह ने कहा कि भूखंड को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है और वहां पड़े कचरे को तत्काल शीशमबाड़ा भेजा जा रहा है. अब सिर्फ मशीनें ही एमआरएफ सेंटर के आने का इंतजार कर रही हैं। इसमें खाद के साथ-साथ अन्य मशीनें भी शामिल हैं। मैसर्स सनलाइट के एमडी सूर्य प्रकाश फरासी ने कहा कि मशीनों के ऑर्डर दे दिए गए हैं। सेंटर बनाने में करीब 1.5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसे कंपनी खुद वहन करेगी।