देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए पहली बार देहरादून जिले में ठोस प्रयास देखने को मिल रहे हैं। दिवाली से पहले और उसके बाद भी कई खबरों के जरिए बता चुका है कि दून में वायु प्रदूषण मानक से ज्यादा है. वहीं यह भी बताया गया है कि एयर एक्शन प्लान को लेकर अभी तक अपेक्षित प्रयास देखने को नहीं मिले हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने न केवल अधिकारियों की बैठक ली, बल्कि स्पष्ट दिशा-निर्देश भी दिए कि वायु प्रदूषण के स्तर (पीएम-10 और 2.5) को कम करने के लिए क्या प्रयास करने होंगे.

शनिवार को कैंप कार्यालय में हुई बैठक में जिलाधिकारी डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि 15 साल की अवधि पूरी कर चुके डीजल वाहनों को फेज आउट करने की रणनीति बनाई जाए. तदनुसार, प्रदूषण परीक्षण केंद्रों के कामकाज में भी सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वायु प्रदूषण के हॉटस्पॉट की पहचान कर स्मार्ट सिटी और अन्य तकनीकी एजेंसियों की मदद से रोकथाम के प्रयास किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समन्वय से अपनी सूक्ष्म योजना साझा करें।

बैठक में नगर निगम को निर्देश दिए गए कि कूड़ा उठाने की प्रक्रिया में सुधार किया जाए और इसके परिवहन के लिए बंद वाहनों का इस्तेमाल किया जाए. प्लास्टिक के इस्तेमाल और कूड़ा जलाने पर पांच हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है. ऐसा करने वालों के खिलाफ सभी सक्षम अधिकारियों को कार्रवाई करनी चाहिए। बैठक में संभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान, पुलिस अधीक्षक यातायात स्वप्न किशोर सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डा. आरके चतुर्वेदी, वरिष्ठ स्वास्थ्य नगर अधिकारी डा. आरके सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी जेएस कंडारी, लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता डीसी नौटियाल आदि शामिल थे।