देहरादून , पहाड़ न्यूज टीम

कई बार सड़क पर आवारा पशुओं के आने से जाम की स्थिति बन जाती है। सड़कों पर गाय-सांड के मुक्त आवागमन के कारण वाहन चालकों को आने-जाने में परेशानी होती है। साथ ही दुर्घटना की भी संभावना रहती है। यदि इन जानवरों के कहीं पर भी खड़े हो जाने से यातायात बाधित हो जाता है और वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं।

नगर निगम के अधिकारियों का तर्क है कि समय-समय पर आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाता है। सवाल उठता है कि अगर अभियान को सही तरीके से लागू किया जाता तो आवारा जानवरों के घायल होने की घटनाएं कम होतीं. नगर निगम महज औपचारिकता निभा रहा है।

डिवाइडर के पौधों को नुकसान पहुंचाते है
डिवाइडर पर लगे पेड़-पौधों की हरियाली देख जानवर उन्हें खाने के लिए सड़क के पास खड़े हो जाते हैं। इसके अलावा सड़क के किनारे रखे कूड़ेदानों के आसपास जानवर भी मंडराते रहते हैं। कूड़ेदान में फेंके जाने वाले खाद्य पदार्थों के कारण जानवर सड़क पर ही गंदगी फैलाते रहते हैं।

मंडियों के पास भीड़ लगती है

मंडियों में सब्जियों और फलों के ठेले लगे होने के कारण जानवरों का झुंड इकट्ठा हो जाता है। वहां वे दुकानदारों के पास से गुजरते हैं। ऐसे में आवारा जानवर भी लोगों के पीछे पड़ जाते हैं। कई बार भीड़ की वजह से लोग चोटिल हो जाते हैं।

लोगों को हो रही परेशानी

आवारा पशुओं के कारण लोगो को अब सड़क से निकलते समय डर लगने लगा है . देहरादून में आवारा पशु डेरा डाले रहते हैं। इस संबंध में नगर निगम से कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।