देहरादून , पहाड़ न्यूज टीम

वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में देश के पहले सीडीएस दिवंगत बिपिन रावत के सम्मान में स्थापित ”जनरल बिपिन रावत डिफेंस टेक्नोलॉजी लैब” का उद्घाटन तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने किया. इस लैब के जरिए शोधकर्ता सुरक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शोध कर सकेंगे।

कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने जनरल बिपिन रावत को नमन करते हुए कहा कि यूटीयू में स्थापित यह लैब तकनीकी और रक्षा के क्षेत्र में शोध कर रहे छात्रों और शोधार्थियों को अपने शोध में काफी हद तक मददगार साबित होगी. . उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार तकनीकी शिक्षा में व्यापक सुधार के लिए निरंतर प्रयासरत है। हमें एकजुट होकर काम करने की जरूरत है ताकि राज्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हर स्तर पर नए कीर्तिमान स्थापित कर सके।

इस अवसर पर कुलपति डॉ.पीपी ध्यानी ने कार्यक्रम के माध्यम से विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और समस्याओं को तकनीकी शिक्षा मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया और विश्वविद्यालय की समस्याओं को दूर करने के लिए अपने सुझाव दिए. सुबोध उनियाल ने आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय की समस्याओं के समाधान के लिए प्रस्ताव तैयार कर जल्द कार्रवाई की जाएगी। ‘REVAMP IN TECHNICAL EDUCATION’ विषय पर तकनीकी शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई

ये सुझाव मंत्री ने प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नए कार्यों के लिए दिए।

  1. छात्र – छात्राओं को एक ही छत के नीचे आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग की सुविधा मिलनी चाहिए। इसके लिए एकीकृत अवधारणा को अपनाकर पॉलिटेक्निक को अपग्रेड किया जाएगा। इसी कड़ी में सबसे पहले उन्होंने नरेंद्र नगर और नैनीताल पॉलिटेक्निक में कार्रवाई के निर्देश दिए.
  2. प्रदेश के दूरस्थ स्थानों पर तकनीकी विकास हेतु स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम संचालित करने के अतिरिक्त सभी राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में बी फार्म संचालित करने का निर्णय लिया गया है।
  3. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ सॉफ्टवेयर आदि की सुविधाओं को रिमोट एक्सेस करने के अलावा सभी संस्थानों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के साथ नवीनतम सॉफ्टवेयर और प्रौद्योगिकी के साथ लैब विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
  4. पेटेंट एवं गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान के लिए कार्य करने के साथ-साथ विश्वविद्यालय में नवोन्मेष प्रयोगशाला के अतिरिक्त अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र खोलने के सुझाव भी दिये गये।
  5. रोजगार बढ़ाने के लिए केंद्रीकृत प्लेसमेंट सेंटर के अलावा ई-लर्निंग सेंटर आदि स्थापित करने का सुझाव दिया गया।
  6. उत्तराखण्ड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तकनीकी संस्थाओं को स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने, मुख्य रूप से सूक्ष्म विद्युत उत्पादन आदि का कार्य करने तथा छात्र स्टार्ट-अप एवं इनोवेशन सेंटर खोलने के सुझाव दिये गये।
  7. समस्याओं से अवगत होकर उन्होंने राज्य में रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण की समस्याओं के समाधान एवं तकनीकी विकास के लिए सरकार द्वारा आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया.