हरिद्वार , PAHAAD NEWS TEAM
अब श्रद्धालु गंगा में मूर्तियों का विसर्जन नहीं कर सकेंगे. पर्यावरण की दृष्टि से एनजीटी के आदेशों का पालन कराने के लिए डीएम के आदेश पर नगर निगम ने तीन जगह चिन्हित कर तीन जगह तैयार की है। इन कुंडों में मूर्तियों का विसर्जन करना होगा। इस दौरान अगर कोई मूर्ति को गंगा में विसर्जित करता है तो उस पर 50 हजार रुपये पर्यावरण शुल्क के साथ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पर्यावरण की दृष्टि से गंगा और नदियों में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक को लेकर एनजीटी ने आदेश जारी किया है. गणेश चतुर्थी के बाद अब नगर निगम क्षेत्रों में नव दुर्गा उत्सव को देखते हुए मूर्ति विसर्जन स्थलों को चिन्हित किया गया है. इन जगहों पर कुंड बनाए गए हैं। इनमें भक्तों को मूर्तियों का विसर्जन करना होगा। इसके लिए नगर निगम की ओर से श्रद्धालुओं व आम जनता से अपील की जा रही है कि जिला गंगा कमेटी द्वारा चिन्हित स्थानों पर ही मूर्ति का विसर्जन करें.
नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती के अनुसार बैरागी कैंप और कनखल सहित वीआईपी घाट के पास मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की गई है. इन जगहों के अलावा आप अन्य जगहों पर विसर्जन नहीं कर पाएंगे। यदि कोई व्यक्ति इन स्थानों को छोड़कर गंगा नदी में मूर्ति विसर्जित करता हुआ पाया जाता है तो राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के तहत कार्रवाई करते हुए 50 हजार का पर्यावरण शुल्क वसूल किया जाएगा।
साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। मूर्ति विसर्जन के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। इन स्थानों पर विसर्जन की व्यवस्था है। अन्य जगहों पर विसर्जन पर कार्रवाई की जाएगी।
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