देहरादून , पहाड़ न्यूज टीम

गर्मी के मौसम में कुत्ते आक्रामक होते नजर आ रहे हैं, जिससे लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है. पहाड़ न्यूज टीम द्वारा इस खबर को प्रमुखता से उठाने के बाद उत्तराखंड विधानसभा में भी यह मामला जोर-शोर से उठा। कांग्रेस विधायक ने कुत्ते के काटने के बाद एंटी रैबीज इंजेक्शन की उपलब्धता पर सवाल किया तो सरकार की ओर से दिया गया आंकड़ा सुनकर हर कोई हैरान रह गया.

उत्तराखंड में आवारा कुत्ते कितनी बड़ी समस्या बन गए हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले छह महीने में 47 हजार एंटी रैबीज इंजेक्शन सिर्फ सरकारी अस्पतालों में कुत्तों के काटने के बाद इस्तेमाल किए जा चुके हैं। इस बात का खुलासा विधानसभा सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में दिए गए स्वास्थ्य मंत्री के बयान से हुआ। कांग्रेस विधायक वीरेंद्र कुमार के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सदन में बताया कि पिछले छह माह में सरकारी अस्पतालों में कुत्ते के काटने से 47 हजार 701 एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाए गए हैं.

इनमें 12 हजार से ज्यादा महिलाएं, 22 हजार से ज्यादा पुरुष और करीब 13 हजार बच्चे शामिल थे। इन आंकड़ों की गंभीरता को समझते हुए कांग्रेस विधायक ने सदन में अपना पक्ष रखा और विधायक सरकार द्वारा दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं थे. सरकार की ओर से बताया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य भर के सभी अस्पतालों में 50 हजार नए एंटी रैबीज इंजेक्शन भेजे हैं. उत्तराखंड में हर साल एक लाख एंटी-रेबीज इंजेक्शन की खपत होती है। जाहिर है इतना बड़ा आंकड़ा सभी के लिए चौंकाने वाला है. इतना ही नहीं, इस आंकड़े ने लोगों को राज्य में आवारा कुत्तों से होने वाले खतरे से भी अवगत कराया है.

गर्मी से कुत्तों के स्वभाव में आया बदलाव : देहरादून शहर में सैकड़ों निजी अस्पताल कोरोनेशन से हैं, जहां कुत्तों के काटने के बाद मरीज पहुंच रहे हैं. पशु चिकित्साधिकारियों का कहना है कि जिस तरह गर्मी से लोग परेशान हैं, उसी तरह बढ़ती गर्मी से पशु भी परेशान हैं. खासकर गली के कुत्तों में ऐसे हालात में डिहाइड्रेशन की शिकायत होती है और इस वजह से ये कुत्ते अपना स्वभाव बदलकर आक्रामक हो सकते हैं।