हल्द्वानी , PAHAAD NEWS TEAM

गणतंत्र दिवस के तीन दिन बाद 29 जनवरी को दिल्ली में होने वाले ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह में इस बार कुमाऊंनी धुन ‘छाना बिलौरी’ भी सुनाई देगी. सेना की ओर से जारी विवरण पुस्तिका के मुताबिक इस साल के समारोह में बजने वाली 26 धुनों में छाना बिलौरी भी शामिल है. हल्द्वानी, उत्तराखंड की रहने वाली बीना तिवारी ने 1967 के आसपास ऑल इंडिया रेडियो, लखनऊ में पहली बार इस गाने को रिकॉर्ड किया था।

भातखंडे संगीत संस्थान, लखनऊ से गायन में पारंगत बीना तिवारी 1964 में लखनऊ आकाशवाणी से जुड़ी थीं। बीना ने बताया कि तब उत्तरायण कार्यक्रम शुरू हुआ था। बाद में आकाशवाणी को अल्मोड़ा, नजीबाबाद, रामपुर से जोड़ दिया गया। अतिथि कलाकार के रूप में आकाशवाणी पिछले कुछ वर्षों से रामपुर से जुड़ी हुई थीं।

यह लोकगीत बागेश्वर जिले के छाना बिलौरी गाँव में बना है, जिसमें एक महिला अपने पिता से छाना बिलौरी गाँव में शादी न करने की भावनात्मक अपील करती है। उसे लगता है कि छाया बिलौरी में अधिक गर्मी पड़ती है। बीना बताती हैं कि ये गाना किसने कहा ये तो पता नहीं, लेकिन महिलाएं इसे खूब गुनगुनाती थीं. बीना तिवारी के अलावा संस्कृति प्रेमी भी कुमाऊंनी धुन को बीटिंग रिट्रीट समारोह में शामिल होने से काफी खुश हैं।

बीटिंग रिट्रीट ये है

बीटिंग रिट्रीट एक सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है जो उन दिनों की है जब सैनिक सूर्यास्त के समय युद्ध से हट जाते थे। बिगुल की आवाज के साथ, सैनिक लडऩा बंद कर और अपने हथियार इकट्ठा करके युद्ध के मैदान से हट जाते थे .