हल्द्वानी, PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में ज्यादा समय नहीं बचा है. ऐसे में नेताओं ने भी टिकट के लिए अपना दावा पेश करना शुरू कर दिया है. नैनीताल जिले की लालकुआं विधानसभा की बात करें तो यहां भी सियासी हलचल तेज हो गई है. इधर बीजेपी में बाहरी बनाम स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा गरमा गया है.

दरअसल, लालकुआं विधानसभा सीट से जहां भाजपा के मौजूदा विधायक नवीन दुम्का ने अपना दावा पेश किया है, वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट और पूर्व राज्य मंत्री हेमंत द्विवेदी ने भी लालकुआं से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है, लेकिन समस्या यह है कि हेमंत द्विवेदी की दावेदारी से नवीन दुम्का खुश नहीं हैं. उन्होंने हेमंत द्विवेदी को बाहरी व्यक्ति बताया है.

विधायक नवीन दुम्का ने कहा कि हेमंत द्विवेदी लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से नहीं आते हैं. इसलिए वे अपने विधानसभा क्षेत्र में ही अपना दावा पेश करें, उसी को उन्हें अपनी कर्मभूमि बनाना चाहिए । उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एक बार स्वर्गीय प्रकाश पंत ने लालकुआं विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मन बना लिया था और इसकी तैयारी पूरी कर ली थी. लेकिन अंत में उन्हें पिथौरागढ़ जाकर चुनाव लड़ना पड़ा। इस बार भी ऐसा ही होगा। जो बाहरी लोग अभी लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से अपना दावा पेश कर रहे हैं, उन्हें बाद में कोई दिक्कत नहीं होगी.

विधायक नवीन दुम्का ने कहा कि कोई भी दावेदार यहां आकर अपना घर बना सकता है, लेकिन यहां के लोग जानते हैं कि उम्मीदवार का घर कहां है. आपको बता दें कि लालकुआं विधानसभा सीट से बीजेपी के मौजूदा विधायक खुद को सबसे मजबूत दावेदार मान रहे हैं और कह रहे हैं कि वह पिछले 5 साल से जनता की सेवा कर रहे हैं. वहीं लालकुआं विधानसभा क्षेत्र के हल्द्वानी निवासी जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट अपनी दावेदारी कर जनता के बीच जा रहे हैं.

वहीं हल्द्वानी निवासी पूर्व स्थिति मंत्री हेमंत द्विवेदी ने भी लालकुआं से अपना दावा पेश किया है और पिछले कई दिनों से लालकुआं में सक्रिय राजनीति कर रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने लालकुआं विधानसभा क्षेत्र के हल्दूचौड़ में अपना खुद का एक घर तैयार किया है, जिसके घर में एंट्री होने वाली है. ऐसे में लालकुआं विधायक नवीन दुम्का ने अपनी ही पार्टी के नेताओं को बाहरी बताकर नसीहत दी है. लालकुआं विधानसभा सीट से भाजपा कोई टिकट देगी या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा छाया हुआ है।