मसूरी , PAHAAD NEWS TEAM

टिहरी जिले की धनौल्टी विधानसभा सीट के छजुला पट्टी के करीब एक दर्जन गांवों में लोगों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. इन सभी गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। सड़क नहीं होने से ग्रामीण काफी परेशान हैं। इन गांवों में आज तक सड़क नहीं पहुंची है। जबकि ये गांव राजधानी देहरादून से 74 किमी दूर हैं। ऐसे में सरकार और प्रशासन को नींद से जगाने के लिए ग्रामीणों ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का बहिष्कार करने का फैसला किया है.

धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के छजुला पट्टी में मवाणा, कफोल्टी, जिंसी औ नौथा समेत करीब एक दर्जन गांव आजादी के इतने साल बाद भी सड़क सुविधाओं से वंचित हैं. अन्य मूलभूत सुविधाओं की बात करना यहां व्यर्थ होगा। इन गांवों में बिजली की सुविधा भी सिर्फ दिखावे के लिए है, जिससे ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं.

कच्ची सड़क का निर्माण ग्रामीणों ने किया था: ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने स्वयं श्रमदान कर 7 किमी लंबी कच्ची सड़क का निर्माण किया है. बरसात के मौसम में उस सड़क पर मलबा और पत्थर आ जाते हैं, जिसे उन्हें खुद ही हटाना पड़ता है। उन्हें प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिलती है। सरकार और प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने अब उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का बहिष्कार करने का फैसला किया है.

सड़क नहीं तो वोट नहीं: ग्राम पंचायत मवाना के प्रधान सबल सिंह पंवार और रीतिक कैन्तुरा ने बताया कि चुनाव आते ही नेता इन गांवों में आकर बड़े-बड़े वादे करके चले जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई यहां आकर देखता भी नहीं है। लेकिन इस बार वह नेताओं के बहकावे में नहीं आने वाले हैं और जब तक उनकी सड़क की मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे वोट भी नहीं देंगे.

पलायन को मजबूर युवा : ग्रामीण रितिक कैन्तुरा ने बताया कि सड़क के अभाव में यहां विकास नहीं हो पा रहा है. छजुला पट्टी के करीब एक दर्जन गांवों से युवा लगातार पलायन कर रहे हैं. गांव की महिलाएं व बुजुर्ग परेशान हैं। बीमार होने पर कई किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल जाना पड़ता है। यदि क्षेत्र सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है, तो यहां छोटे उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं।

अधिकारियों का जवाब : लोक निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रजनीश कुमार से भी इन गांवों में सड़क की समस्या को लेकर बात की गई. उन्होंने कहा कि छाजुला पट्टी को सड़क से जोड़ने के लिएमसूरी-कैंपटी-थत्यूड़ मोटर मार्ग को पूर्व में मंजूरी दी गई थी. सड़क का कुछ निर्माण कार्य भी हो चुका है। ग्रामीणों द्वारा सड़क के लिए जो जमीन अधिग्रहित की गई थी उसका मुआवजा भी दिया गया था, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते सड़क निर्माण कार्य रोक दिया गया था. अब फिर से ठेकेदार को सड़क बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

इस संबंध में कांग्रेस नेता जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि सड़क नहीं बनने पर ग्रामीणों द्वारा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा होना स्वाभाविक है. विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने धनौल्टी विधानसभा सीट पर कोई विकास कार्य नहीं किया है. हालांकि, उन्होंने ग्रामीणों से चुनाव का बहिष्कार नहीं करने की अपील की है, बल्कि नेताओं को वोट देकर जवाब देने और अपने क्षेत्र का विकास करने वाले को वोट देने की अपील की है.

वहीं, आप नेता अमेंद्र बिष्ट ने कहा कि धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र में 68 सड़कें ऐसी हैं जिनका निर्माण नहीं हुआ है. इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी की बातों और कामों में बहुत बड़ा अंतर है. चुनाव के वक्त बीजेपी को जनता तो याद आती है, लेकिन इस बार धनौल्टी की जनता बीजेपी और कांग्रेस के झांसे में नहीं आने वाली. क्योंकि दोनों ही पार्टियों ने धनौल्टी विधानसभा के साथ राज्य का विकास नहीं तबाह किया है.