देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. राज्य सरकार द्वारा चारों धामों में श्रद्धालुओं की सीमा निर्धारित न किए जाने से अव्यवस्थित ढंग से बेतहाशा यात्रियों की संख्या व्यावहारिक दिक्कतें बढ़ा रही हैं. ऐसे में केदारनाथ धाम में विशेष रूप से बिना रजिस्ट्रेशन यात्रा के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हादसों की आशंका को देखते हुए अब यात्रियों को रोका जा सकता है.

केदारनाथ में श्रद्धालुओं की आमद: चार धामों में से बाबा केदार के धाम केदारनाथ में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है. सोमवार को 18,183 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ के दर्शन किए। इनमें पुरुषों की संख्या 12,671 थी। 5,379 महिलाओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए। सोमवार को 133 बच्चे भी केदारनाथ धाम पहुंचे। इसके साथ ही एक विदेशी महिला और एक विदेशी पुरुष भी केदारनाथ गए। सिर्फ चार दिनों में 77,656 तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं।

बिना रजिस्ट्रेशन वालों को रोका जा सकता है: पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने एक बार फिर अपनी अपील दोहराते हुए कहा कि श्रद्धालु पंजीकरण के बाद ही यात्रा पर आएं. ताकि सुरक्षित और सुगम यात्रा की व्यवस्था को कायम रखा जा सके। अगर ऐसा नहीं होता है तो बिना रजिस्ट्रेशन के श्रद्धालुओं को यात्रा पर जाने से रोका जा सकता है. बता दें कि केदारनाथ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ऐसे में वहां व्यवस्था करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। डीजीपी के मुताबिक पिछले तीन-चार दिनों में ही केदारनाथ और बद्रीनाथ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए हैं।

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालु अपना रजिस्ट्रेशन व होटल बुकिंग कराकर अवश्य आएं. देखने में आया है कि धामों की क्षमता से कई गुना ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ऐसे में ठहरने और यात्रा की व्यवस्था में दिक्कत आ रही है। हालांकि, तीर्थयात्रियों की यात्रा को किसी भी तरह से सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए पुलिस व्यवस्था करने में लगी हुई है। लेकिन बेहतर होगा कि भक्त पंजीकरण के बाद कुछ दिन रुकें और यात्रा पर आएं।

पहली बार सेक्टरों में बंटे एंट्री और एग्जिट गेट: पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक पहली बार चारधाम यात्रा को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए एंट्री और एग्जिट गेट को अलग-अलग सेक्टर में बांटा गया है. शिकायत में देखा गया है कि सोनप्रयाग और गौरीकुंड का सेक्टर व्यवस्थित नहीं है. इसे व्यवस्थित करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं बद्रीनाथ धाम में दर्शन के लिए माणा गांव क्षेत्र तक 2 किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है.

डीजीपी ने श्रद्धालुओं से व्यवस्था बनाने में सहयोग करने की अपील की है. ताकि उनका सफर और बेहतर तरीके से सफल हो सके। डीजीपी ने कहा कि यमुनोत्री, गौरीकुंड और केदारनाथ में भीड़ को देखते हुए यात्रियों की मदद और सुरक्षा के लिए एक-एक प्लाटून पीएसी तैनात किया गया है.

सोनप्रयाग से केदारनाथ तक यात्रियों के लिए कई व्यवस्थाएं खराब: जानकारी के अनुसार केदारनाथ यात्रा में सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक यात्रा की व्यवस्था कई जगह खराब बताई जा रही है. इस मार्ग पर विशेष रूप से महिला श्रद्धालुओं के लिए शौचालय की कोई सुविधा नहीं है। न ही कोई पुलिस कर्मी मदद के लिए तैनात है। इसके अलावा केदारनाथ घाटी के दुर्घटना प्रभावित मार्ग में लोहे की रेलिंग की जगह प्लास्टिक की रेलिंग लगाई गई है. ऐसे में किसी भक्त के खाई में गिरने से कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.

उधर, डीजीपी अशोक कुमार ने हरिद्वार और उत्तरकाशी जैसे तीर्थ मार्गों पर श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी और पुलिस द्वारा परेशान किए जाने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि यात्रा पर आने वाला प्रत्येक भक्त “अतिथि देवो भव” है। हालांकि कई बार भीड़भाड़ और किसी वजह से लाखों की संख्या में आने वाले लोगों में तकरार व तनाव की स्थिति बन जाती है. ऐसे में इसे ध्यान में रखते हुए संबंधित जिलों के एसपी एसएसपी को कानून और सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने के निर्देश दिए गए हैं. बड़कोट समेत उत्तरकाशी में जहां भी पुलिस द्वारा यात्रियों से बदसलूकी या परेशानी की शिकायत मिलती है, उन पर तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की जा रही है.