ऋषिकेश , पहाड़ न्यूज टीम

नगर क्षेत्र में दशकों पुरानी कूड़ा निस्तारण की समस्या के समाधान की कवायद जरूर शुरू हो गई है, लेकिन बजट अंत तक पहुंचने में रोड़ा बन गया है. निस्तारण को लेकर काफी राजनीति हुई है, लेकिन स्थिति जस की तस है। हालांकि इस पर अभी कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। हैरानी की बात यह है कि राज्य में बीजेपी की सरकार है और नगर निगम के पदों पर बीजेपी का कब्जा है. इसके बावजूद बजट की बाधा बनना सभी को परेशान कर रहा है।

हाल ही में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ऋषिकेश पहुंचे थे, तब नगर निगम के अधिकारियों ने कूड़ा निस्तारण की मौजूदा स्थिति उनके सामने रखी थी. जिसमें शहरी विकास मुख्यालय से बजट जारी न होने का भी जिक्र किया गया. अधिकारियों ने कुछ सवालों का हवाला देते हुए बजट जारी नहीं करने की बात कही थी। जिस पर अपर मुख्य सचिव ने बजट जल्द जारी करने के निर्देश दिए थे. बावजूद इसके अभी तक देहरादून से कूड़ा निस्तारण के लिए बजट ऋषिकेश नहीं पहुंचा है। आपको बता दें कि शहरी विकास विभाग ने वर्ष 2021 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत हरिद्वार रोड के किनारे एक प्लॉट में दशकों से फेंके गए हजारों टन कचरे के निस्तारण की वित्तीय मंजूरी दी थी.

जिसके बाद करीब साढ़े छह करोड़ रुपए में एक निजी एजेंसी से कूड़ा निस्तारण की टेंडर प्रक्रिया कराई गई। हालांकि मंजूरी आठ करोड़ रुपये की थी, लेकिन टेंडर में कम बोली पर काम होने के कारण करीब साढ़े छह करोड़ रुपये में ही कूड़ा निस्तारण का फैसला हो गया. कूड़ा निस्तारण की प्रगति प्रभावित हुई। निगम को 15वें वित्त से संबंधित एजेंसी को करीब 1.25 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा। इसके बावजूद नगर विकास विभाग की ओर से स्वीकृत राशि जारी नहीं की गई।