देहरादून , पहाड़ न्यूज़ टीम

राजधानी देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की और विकासनगर में स्कूली बसों और वैन में सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग द्वारा बसों का ऑडिट शुरू कर दिया गया है. परिवहन विभाग की टीम अब स्कूल बसों और वाहनों को सड़कों पर चेक करने के बजाय अब खुद स्कूलों में जाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सीबीएसई बोर्ड द्वारा जारी मानकों के अनुसार उनकी जांच कर रही है.

पहले चरण में 400 वाहनों का ऑडिट : पहले चरण में करीब 400 वाहनों का ऑडिट किया जा चुका है. इसके साथ ही सीबीएसई बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार जिन स्कूल बसों का संचालन नहीं हो रहा है, उन बसों और वाहनों पर निशान लगाकर वाहन संचालकों को नोटिस जारी किया जा रहा है, साथ ही उन वाहनों के संचालन पर रोक लगाई जा रही है। पहले चरण में ऐसी 25 स्कूली बसों के संचालन पर रोक लगा दी गई है।

नाबालिग बच्चों को वाहन न दें अभिभावक: परिवहन विभाग ने उन अभिभावकों को भी नोटिस दिया है जिनके बच्चे अपने दोपहिया वाहनों से स्कूल जाते हैं. नोटिस में कहा गया है कि वे अपने छात्रों को तब तक वाहन न दें, जब तक उन्हें खुद का लाइसेंस नहीं मिल जाता. ऐसा पाए जाने पर अभिभावक को 25 हजार जुर्माना या 3 साल की सजा हो सकती है।

40 वाहन जब्त : आरटीओ प्रवर्तन सुनील शर्मा ने बताया कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए परिवहन विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. स्कूली वाहनों की जांच की जा रही है। इस दौरान करीब 450 वाहनों का चालान किया गया। 40 से अधिक वाहनों को सीज किया गया है। इसके साथ ही ऐसे वाहन संचालकों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी हाल में ऐसे वाहन न चलाएं जिनके कागजात पूरे नहीं हैं. साथ ही अभिभावकों से अतिरिक्त पैसे नहीं लिए जाएंगे।

आरटीओ कार्यालय के बाहर से दलाल गिरफ्तार : आरटीओ कार्यालय के बाहर से आरटीओ प्रवर्तन ने एक दलाल को पकड़ा है। आरोपी दलाल के खिलाफ ओएनजीसी में तैनात सीआईएसएफ कर्मी से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नाम पर ठगी की गई। आपको बता दें, ओएनजीसी में तैनात सीआईएसएफ के जवान प्रेम सिंह नेगी अगस्त 2021 में अपने बच्चों का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ कार्यालय आए थे। यहां उनकी मुलाकात रवि रावत से हुई। रवि ने कहा कि उसे ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के एवज में रवि रावत ने पांच हजार रुपए मांगे। प्रेम सिंह ने आरोपी के झांसे में आकर पांच हजार रुपए दिए, लेकिन रवि रावत ने न तो लाइसेंस बनवाया और न ही राशि लौटाई।