नैनीताल , PAHAAD NEWS TEAM
उत्तराखंड में जिला योजना समिति के चुनाव अब अगले साल विधानसभा चुनाव के बाद होने की संभावना है. उच्च न्यायालय में सरकार द्वारा दायर हलफनामे में स्पष्ट कहा गया है कि सरकार जिला योजना समिति का चुनाव हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद ही कराएगी, फिलहाल हरिद्वार की पंचायतों में प्रशासकों की तैनाती है । प्रशासकों का कार्यकाल 18 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
इस बीच 15 मार्च को सरकार ने कोविड संक्रमण को लेकर गाइडलाइन जारी की और 18 मार्च को राज्य चुनाव आयोग ने डीपीसी के चुनाव स्थगित कर दिए. इसी अवधि में उत्तरकाशी जिला पंचायत सदस्य प्रदीप भट्ट ने चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी और कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था. सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल करते हुए कहा गया कि हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद डीपीसी का चुनाव होगा.
नवंबर में खत्म हो रहा है प्रशासकों का कार्यकाल
हरिद्वार जिले में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद शासन की ओर से प्रशासकों की नियुक्ति कर दी गई है। प्रशासकों का छह माह का कार्यकाल 18 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसके बाद भी यदि हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का कार्यक्रम घोषित हो जाता है तो कम से कम एक माह से अधिक समय लग जाएगा। राज्य विधानसभा का कार्यकाल फरवरी माह में पूरा हो रहा है।
दिसंबर में हो सकती है विस चुनाव की घोषणा
ऐसी अटकलें हैं कि राज्य विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा दिसंबर में की जाएगी। ऐसे में तय है कि डीपीसी का चुनाव नई सरकार ही करवाएगी. उल्लेखनीय है कि जिला आयोजना बैठकों में डीपीसी सदस्यों में विकास कार्यों के प्रस्ताव शामिल होते हैं। इससे विशेष रूप से जिला पंचायत सदस्यों एवं निकाय सदस्यों को अपने क्षेत्र की योजनाओं को सम्मिलित करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है। यही कारण है कि जिला पंचायत संगठन ने इन चुनावों के संचालन को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.
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