श्रीनगर , PAHAAD NEWS TEAM

तीन कर्मियों को निर्वाचन कार्य के प्रति लापरवाही बरतना भारी पड़ गया है. चुनाव विभाग ने चार दिवसीय ईवीएम प्रशिक्षण से अनुपस्थित रहने वाले एक पीठासीन और दो प्रथम मतदान अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं. उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मतदान 14 फरवरी को होना है। सरकारी कर्मचारियों को चुनाव कराने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

सहायक नोडल अधिकारी कार्मिक एवं प्रशिक्षण डॉ. आनंद भारद्वाज ने ईवीएम प्रशिक्षण के दूसरे चरण में कर्मियों को किसी भी स्तर पर लापरवाही न करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला निर्वाचन विभाग द्वारा पीठासीन एवं प्रथम मतदान अधिकारियों के लिए 14 से 17 जनवरी तक चार दिवसीय ईवीएम प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें जिले की छह विधानसभा सीटों पर तैनात 1,391 पीठासीन अधिकारी (पुरुष), 17 पीठासीन अधिकारी (महिला), 1,400 प्रथम मतदान अधिकारी (पुरुष) और 17 प्रथम मतदान अधिकारी (महिला) ने भाग लिया।

इस दौरान 30 पीठासीन एवं 21 प्रथम मतदान अधिकारी (पुरुष) एवं 1 पीठासीन एवं 1 प्रथम मतदान अधिकारी (महिला) अनुपस्थित रहे। निर्धारित तिथि के बाद शेष दिनों के प्रशिक्षण में 9 पीठासीन एवं 5 प्रथम मतदान अधिकारी (पुरुष) ने भाग लिया। लेकिन 39 कर्मचारी अनुपस्थित रहे।

अनुपस्थितियों से उनका स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसमें 36 कर्मियों के स्पष्टीकरण का जवाब संतोषजनक पाया गया. लेकिन तीनों कर्मियों का जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर चुनाव विभाग ने उनके खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं.

सहायक नोडल अधिकारी कार्मिक एवं प्रशिक्षण डॉ. आनंद भारद्वाज ने बताया कि पीठासीन अधिकारी, सहायक शिक्षक जीआईसी बहेड़ाखाल शैलेंद्र कुमार, प्रथम मतदान अधिकारी राउमावि बिंद्रातोक द्वारीखाल सुरेंद्र सिंह नेगी व प्रथम मतदान अधिकारी टीजीटी अध्यापक केंद्रीय विद्यालय पौड़ी अमित कुमार के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं.

डॉ. आनंद भारद्वाज ने कहा कि चुनाव कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. प्रशिक्षण के दूसरे चरण में कर्मियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। इसके बावजूद अगर कोई कर्मी लापरवाही करता है तो जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।