देहरादून, पहाड़ न्यूज़ टीम

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में दसवीं और बारहवीं कक्षा में फेल हुए छात्र-छात्राओं के भविष्य को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है. यह संकट अन्य सरकारी स्कूलों में नहीं बल्कि राज्य के अटल आदर्श विद्यालयों में पैदा हो रहा है. अब इसी सत्र से सीबीएसई बोर्ड हायर सेकेंडरी कक्षाओं में लागू होगा। दसवीं और बारहवीं कक्षा के इन छात्र-छात्राओं द्वारा दी गई परीक्षाएं उत्तराखंड बोर्ड की थीं। अब उत्तराखंड बोर्ड में फेल होने के बाद स्कूल प्रबंधन को सीबीएसई के मानकों के चलते उन्हें अटल आदर्श स्कूलों में प्रवेश देने में दिक्कत हो रही है.

उत्तराखंड के 189 अटल आदर्श स्कूलों में पिछले सत्र में हजारों छात्र-छात्राओं ने उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा दी थी. इन स्कूलों में उत्तराखंड बोर्ड की यह आखिरी परीक्षा थी, क्योंकि इसके बाद इन अटल आदर्श स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड लागू किया जाएगा। इससे तीन हजार से अधिक छात्र-छात्राओं का भविष्य खतरे में पड़ गया है। इनमें से तीन हजार से ज्यादा छात्र दसवीं और बारहवीं में फेल हो गए थे। नए मानकों के चलते अब इन अनुत्तीर्ण छात्रों को अटल आदर्श स्कूलों में प्रवेश नहीं मिल रहा है। वहीं, कई जिलों से इस संबंध में शिक्षा महानिदेशक को पत्र भी लिखा जा चुका है।

जानकारी के मुताबिक कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों का सीबीएसई बोर्ड के तहत कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए रजिस्ट्रेशन कराया गया है. अब इन पंजीकृत छात्र-छात्राओं को मिलेगा प्रवेश। ऐसे में परीक्षा में फेल हुए छात्र-छात्राओं के लिए इन स्कूलों में प्रवेश पाना मुश्किल है। क्योंकि मानकों के मुताबिक एक ही स्कूल में दो बोर्ड नहीं चल सकते। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि इन छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा.