चमोली , PAHAAD NEWS TEAM

सिखों के पवित्र प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब और तीर्थ लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट सर्दियों के लिए विधिवत बंद कर दिए गए हैं. पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को पंजाब से आए एक विशेष बैंड की धुन पर पंच प्यारों के नेतृत्व में दरबार साहिब से सचखंड साहिब के गर्भगृह में लाया गया। ठीक 1:30 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट बंद कर दिए गए। इसके अलावा लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी अगले 6 महीने के लिए सर्दी के लिए बंद कर दिए गए हैं।

आपको बता दें कि हेमकुंड साहिब के कपाट हमेशा 25 मई को ही खोले जाते थे। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते करीब साढ़े तीन महीने की देरी से कपाट खोले गए। अब तक 5 हजार से ज्यादा श्रद्धालु गुरुद्वारा साहिब में दर्शन कर चुके हैं। हेमकुंड साहिब के कपाट आज से 6 महीने तक बंद रहेंगे।

हेमकुंड साहिब में आज सुबह नौ बजे से गुरुद्वारा में शबद कीर्तन शुरू हो गया। यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजे तक चला और 12:30 बजे इस साल का आखिरी अरदास हुआ. जिसके बाद दोपहर 1 बजे पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का हुकुमनामा लिया गया। पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को पंजाब से आए एक विशेष बैंड की धुन पर पंच प्यारों के नेतृत्व में दरबार साहिब से सचखंड साहिब के गर्भगृह में लाया गया। ठीक 1:30 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट बंद कर दिए गए। इसके अलावा लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी अगले 6 महीने के लिए सर्दी के लिए बंद कर दिए गए हैं।

18 सितंबर को शुरू हुई थी यात्रा: आपको बता दें कि इस साल कोरोना संक्रमण के चलते 18 सितंबर से हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू की गई थी. इसके बावजूद अब तक 10,300 यात्री हेमकुंड साहिब पहुंच चुके हैं और मत्था टेक चुके हैं. कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए राज्य सरकार ने प्रतिदिन केवल 1000 श्रद्धालुओं को हेमकुंड के दर्शन करने की अनुमति दी थी।

गुरु गोबिंद साहिब ने की थी पूजा : ऐसा माना जाता है कि सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह ने यहां दशम ग्रंथ लिखा था। श्रद्धालुओं का मानना है कि सिख धर्म के 10वें गुरु गोविंद सिंह साहिब ने यहां कई वर्षों तक महाकाल की पूजा की थी। गुरु गोबिंद सिंह जी का तपस्या स्थल होने के कारण सिख धर्म के लोगों में इस स्थान के प्रति अपार श्रद्धा है और वे तमाम मुश्किलों के बाद भी यहां पहुंचते हैं। हेमकुंडo साहिब की यात्रा सबसे कठिन तीर्थों में से एक मानी जाती है।