देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

आज दिनांक 21 अप्रैल, 2022 को गणेश जोशी, मा0 कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार की अध्यक्षता में राजकीय उद्यान, सर्किट हाउस, देहरादून में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग तथा उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।

सर्वप्रथम डा0 एच0एस0 बवेजा, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उत्तराखण्ड एवं निदेशक, उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड द्वारा मा0 कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री जी का स्वागत किया गया।

तदोपरान्त डा0 बवेजा द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड के 09 जनपदों (अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर, चम्पावत, पिथौरागढ़, चमोली, रूदप्रयाग, पौड़ी, टिहरी) में कुल 1423 हैक्टेयर क्षेत्रफल में चाय का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें से मुख्य रूप से चम्पावत में 236 है, कौसानी (बागेश्वर) में 206 है, नौटी (चमोली) में 189 है0, गरूड़ (बागेश्वर) में 188 है तथा घोड़ाखाल (नैनीताल) में 152 है क्षेत्रफल में चाय का उत्पादन किया जा रहा है। उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड के अन्तर्गत स्थापित चाय प्रसंस्करण इकाईयों के माध्यम से लगभग 90,000 किग्रा प्रसंस्कृत चाय का उत्पादन किया जा रहा है।

मा0 कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार द्वारा विस्तृत विचार-विमर्श उपरान्त निम्नानुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गयेः-

चाय प्रसंस्करण इकाईयों के आधुनिकीकरण हेतु Capital Assistance Subsidy के अन्तर्गत प्रस्ताव तैयार कर यथाशीघ्र शासन को उपलब्ध कराये जायें।

​कृषक/समूहों द्वारा उत्पादित उत्पादों की विपणन एवं ब्राण्डिंग हेतु उचित पैकेजिंग व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार किया जाय, जिसमें गुणवत्ता का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए।

राजपुर रोड़, देहरादून में स्थापित PMFME स्टोर की तर्ज पर नैनीताल, ऋषिकेश (मुनिकीरेती), हरिद्वार, मसूरी (देहरादून), श्रीनगर (पौड़ी) एवं उधमसिंहनगर में भी कृषकों/समूहों के उत्पादों की विपणन एवं ब्राण्डिंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत लॉकडाउन अवधि में पुष्प उत्पादकों को हुई क्षति की प्रतिपूर्ति हेतु शासन स्तर पर विचाराधीन प्रस्ताव शीघ्रातिशीघ्र स्वीकृत कराया जाय।

उत्तराखण्ड औद्यानिक परिषद के प्रस्तावों की स्वीकृति/अनुमोदन हेतु परिषद की बैठक शीघ्र सम्पन्न करायी जाय।

​शासन स्तर पर लम्बित प्रस्तावों की शीघ्रातिशीघ्र स्वीकृति हेतु अनुस्मारक प्रेषित किये जाय।

​उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड को लाभ में लाने हेतु कार्य योजना तैयार की जाय। साथ ही उत्तराखण्ड टी की ब्राण्डिंग हेतु उचित नाम का चयन कर प्रस्ताव मा0 मंत्री जी के सम्मुख प्रस्तुत किया जाय।

राज्य में फ्रूट बियर को बढ़ावा देने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।

प्रसंस्कृत उत्पादों में मीडियम के रूप में गंगा जल का प्रयोग किये जाने हेतु राजकीय उद्यान, गंगालहरी में इकाई स्थापना हेतु प्रस्ताव तैयार कर यथाशीघ्र शासन को प्रस्तुत किया जाय।

औद्यानिक उत्पादों पर आधारित इकाई स्थापना हेतु पतंजली के समन्वय से प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित किया जाय।

​राज्य में उत्पादित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने हेतु एपिडा के अधिकारियों के अनुरोधानुसार किसान भवन, देहरादून में 02 कक्ष आवंटित कराये जायें।

इस अवसर पर कृषि मंत्री ने उत्तराखंड के 10 जैविक विकास खंडों की भी घोषणा की। जिसमें रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्तमुनि, उखीमठ और जखोली, टिहरी के भिलंगाना, चमोली के देवाल, पौड़ी के जेहरीखाल, पिथौरागढ़ डीडीहाट और मुनस्यारी, चंपावत के पार्टी और अल्मोड़ा का भैंसियाछाना ब्लॉक शामिल है।