देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) द्वारा आयोजित स्नातक स्तर के परीक्षा परिणाम में अनियमितता को लेकर बेरोजगार संघ लामबंद है. बेरोजगार संघ ने गांधी पार्क में एकत्र होकर एक बैठक की, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला. उसके बाद जुलूस के रूप में पैदल मार्च निकालकर मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचे।

कथित अनियमितता: इस दौरान बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार का कहना है कि तीन पालियों में आयोजित इस परीक्षा में आयोग द्वारा कई सही प्रश्नों को हटा दिया गया, जबकि कई गलत प्रश्नों को सही मान लिया गया है. इससे लाखों पात्र उम्मीदवार चयन से वंचित रह गए। उन्होंने कहा कि एक तरफ यूकेपीएससी ने एक ही पाली में तीन अप्रैल को 2.58 लाख से अधिक आवेदनों के साथ परीक्षा आयोजित की है, जबकि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने तीन पालियों में 2.20 लाख आवेदनों के साथ परीक्षा आयोजित की है. इसके साथ ही अन्य परीक्षाएं एक से अधिक पाली में कराकर सामान्यीकरण की प्रक्रिया अपनाकर अभ्यर्थियों के लिए इसे जटिल बना दिया गया।

लगे गंभीर आरोप: उन्होंने कहा कि इससे पहले भी फॉरेस्टर की भर्ती 18 पालियों में संपन्न कराया गया . जिसमें 332 प्रश्नों को हटा दिया गया और सामान्यीकरण प्रक्रिया जैसी कई अनियमितताएं देखी गईं। इसके कारण योग्य उम्मीदवार चयन से वंचित रह गए और कम अंक वाले उम्मीदवारों का चयन हो गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आयोग में कार्यरत मौजूदा अध्यक्ष के इस्तीफे की भी मांग की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आयोग में कार्यरत वर्तमान अध्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक के कार्यकाल में कई परीक्षाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं.

सरकार पर सीधा साधा निशाना : सरकार से नाराज बेरोजगारों का कहना है कि वर्तमान राज्य सरकार राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कर रही है, लेकिन इसके बावजूद ये तीनों अधिकारी अपने पदों पर काम कर रहे हैं. सभी प्रदर्शनकारियों ने इन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है. बेरोजगारों का कहना है कि यही वजह है कि प्रदेश भर के युवाओं में सरकार के खिलाफ व्यापक असंतोष है. प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो पूरे राज्य में उग्र आंदोलन किया जाएगा.