टिहरी , पहाड़ न्यूज टीम

हालांकि सरकार, परिवहन विभाग, पुलिस-प्रशासन लाख दावे कर रहे है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर हर जगह वाहनों की जांच की जा रही है, लेकिन हकीकत इसके उलट है.

स्थिति यह है कि कमर्शियल वाहन परमिट, फिटनेस, टैक्स और ग्रीन कार्ड के बिना यात्रा मार्गों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं. बुधवार को टिहरी में बोलेरो वाहन हादसे ने सरकार की पूरी व्यवस्था की पोल खोल दी.

टिहरी दुर्घटना की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वाहन का परमिट और कर मार्च-2021 को समाप्त हो गया था। गाड़ी के पास ग्रीन कार्ड भी नहीं था।

गंगोत्री के पास ट्रेकिंग के लिए रायवाला (देहरादून) से पर्यटकों को ले जा रहे बोलेरो वाहन (UK10-TA- 0564) के बुधवार को टिहरी में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सरकार ने एक उच्च स्तरीय जांच बैठा दी है। यह वाहन उत्तरकाशी जिले में पंजीकृत है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वाहन का परमिट 9 मार्च, 2021 को समाप्त हो गया था।

इसका टैक्स भी जमा नहीं है, जबकि वाहन की फिटनेस और बीमा की वैधता बची है। चारधाम यात्रा मार्ग पर वाणिज्यिक वाहनों के चलने के लिए ग्रीन-कार्ड अनिवार्य है, लेकिन इस वाहन के पास ग्रीन-कार्ड भी नहीं था।

वाहन ने चारधाम यात्रा मार्ग पर परिवहन विभाग की दो चौकियों को भी पार किया। इनमें भद्रकाली और फकोट चेकपोस्ट शामिल हैं। बिना परमिट, टैक्स और ग्रीन कार्ड के चल रहे इस वाहन को कहीं रोका नहीं गया. जो अपने आप में एक बड़ा सवाल है।

उत्तरकाशी के एआरटीओ मुकेश सैनी ने बताया कि वाहन का परमिट मार्च 2021 में समाप्त हो गया था। वहीं, टिहरी के एआरटीओ सीपी मिश्रा ने कहा कि वाहन के पास ग्रीन-कार्ड भी नहीं था, हालांकि यह बहुत महत्वपूर्ण है।

अनिवार्य ग्रीन-कार्ड और ट्रिप-कार्ड

चारधाम यात्रा मार्ग पर जाने वाले सभी वाणिज्यिक यात्री वाहनों के लिए परिवहन विभाग से ग्रीन-कार्ड और ट्रिप-कार्ड लेना अनिवार्य है। ग्रीन कार्ड से पहले वाहन की पूरी तकनीकी और कागजी जांच की जाती है। वहीं, यात्रियों और गंतव्य का पूरा रिकॉर्ड ट्रिप-कार्ड में दर्ज होता है।