रुद्रप्रयाग , पहाड़ न्यूज टीम

केदारनाथ मंदिर परिसर में परिक्रमा (सीमा दीवार) के सीमांकन के साथ प्रवेश द्वार के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जा चुका है. प्रवेश द्वार के निर्माण के बाद उस पर घंटी भी लगाई जाएगी। वहीं, बाउंड्री वॉल बनने के बाद यात्री एक निश्चित दूरी तक ही जूते-चप्पल पहन सकेंगे।

केदारनाथ मंदिर के द्वार पर आपदा से पहले काफी बड़ा सा घण्टा लगा था, लेकिन आपदा के बाद यह निर्माण कार्य नहीं हो पाया। ऐसे में तीर्थ पुरोहितों की ओर से बार-बार द्वार निर्माण के साथ-साथ घंटी लगाने की मांग की जाने लगी। पिछले दिन केदारनाथ धाम में प्रवेश द्वार के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। इसके अलावा मंदिर परिसर में चारदीवारी भी बनाई जाएगी। मंदिर की परिक्रमा पर चारदीवारी बनने के बाद यात्री एक निश्चित दूरी तक ही जूते-चप्पल पहन सकेंगे। बिना चहारदीवारी के यात्री मौसम खराब होने पर जूते-चप्पल पहन कर मंदिर के पास पहुंच जाते हैं।

मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौर ने बताया कि पूर्व में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर को पत्र लिखकर फोन पर बात कर मंदिर के चारों ओर पौराणिक शैली में चारदीवारी बनाने को कहा था । इसके अलावा उन्होंने केदारनाथ मास्टर प्लान के मुख्य वास्तुकार धर्मेश गंगानी के साथ मौके पर जाकर निरीक्षण कर इस संबंध में अपने सुझाव दिए थे. इसके अलावा तीर्थ पुजारियों द्वारा मंदिर परिसर के प्रवेश द्वार पर पहले की तरह घंटी लगाने का सुझाव दिया गया। इसी क्रम में शासन ने चारदीवारी सहित प्रवेश द्वार के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की, जिसका भूमिपूजन कार्यक्रम किया गया। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, जिला प्रशासन और केदार सभा ने संयुक्त रूप से केदारनाथ में भूमि पूजन किया। द्वार के भूमि पूजन का कार्यक्रम विधि विधान से पंडित संजय कुर्मांचली ने किया।