रुद्रपुर, PAHAAD NEWS TEAM
अब किसानों को प्याज खोदाई के बाद डंठल काटने के लिए अलग से श्रम नहीं करना पड़ेगा। जीबी पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर ने एक ऐसी प्याज खोदाई की ऐसी मशीन तैयार की है जो खुदाई के साथ-साथ डंठल को भी काट देगी। इससे न केवल श्रम और समय की बचत होगी, बल्कि आर्थिक किसानों की आय भी बढ़ेगी।
आईआईटी रुड़की के डिजाइन इनोवेशन सेंटर (डीआईसी) के वित्तीय सहयोग से, पंत विश्वविद्यालय के फार्म और मशीनरी विभाग के डॉ . आरएन पटारिया द्वारा मशीन तैयार की गई है। उत्तराखंड में पेक्षाकृत महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर प्याज की खेती होती है। खुदाई के बाद, प्याज के अनुचित डंठल को हटाने के लिए प्रति एकड़ 15 से 20 मजदूर कार्य करते है। चलते समय तो लगता ही है उत्पादन खर्च भी बढ़ जाता है । एमटेक छात्र अर्जुन के साथ पंत विश्वविद्यालय के डॉ. पटारिया ने 28 सितंबर 2018 से इस मशीन का निर्माण शुरू किया और यह 2020 में तैयार हो गई है । पेटेंट प्राप्त होने के बाद अब यह बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।
रोपाई के समय जगह छोड़ दी जाएगी
इस मशीन से प्याज के कंदों को कोई नुकसान नहीं होगा। हालांकि, प्याज की रोपाई करने के दौरान मशीन ऑपरेट करने के लिए खेत में जगह छोडऩी होगी। कंद को नुकसान पहुंचाए बिना खोदाई की जाएगी।
इस तरह से मशीन कटाई करेगी
ट्रैक्टर के साथ यह मशीन एक ही बार में प्याज के अनुपयुक्त पत्तों यानि डंठल की कटाई तथा खोदाई करती है। मशीन 15 से 25 हॉर्स पावर के ट्रैक्टरों द्वारा संचालित होती है। यह प्रति घंटे औसतन 0.20 हेक्टेयर में प्याज की खोदाई और डंठल की कटाई करती है।
खर्च और श्रम शुल्क दोनों बचेगा
फार्म एंड मशीनरी विभाग के प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के डा. आरएन पटारिया ने कहा कि प्याज की खुदाई करने की मशीनें देश में पहले भी बनाई जा चुकी हैं, लेकिन साथ में यह डंठल की कटाई करने वाली पहली मशीन है। इससे श्रम लागत की बचत होगी और किसानों की आय बढ़ेगी। मशीन को पेटेंट के लिए आवेदन किया जा रहा है।
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