पिथौरागढ़ , PAHAAD NEWS TEAM

सीमावर्ती जिले के स्टेट हाईवे की हालत जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग से भी बदतर है. जिले के सबसे महत्वपूर्ण स्टेट हाईवे पिथौरागढ़-थल-मुनस्यारी स्टेट हाईवे की स्थिति में सुधार के लिए सीमांत के लोग पिछले एक दशक से इंतजार कर रहे हैं. इस सड़क पर 50 करोड़ से ज्यादा खर्च करने के बाद भी हालात नहीं बदले हैं।

राज्य के पर्यटन नगर मुनस्यारी को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले राज्य राजमार्ग की कुल लंबाई 120 किमी है। पिथौरागढ़ से थल और थल से मुनस्यारी की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की पिथौरागढ़ और अस्कोट डिवीजन के पास है। पिथौरागढ़ से थल तक 55 किमी. हिस्से की हालत सुधारने के लिए एडीबी से 45 करोड़ का कर्ज लिया गया। इस राशि से सड़क चौड़ीकरण के साथ-साथ सड़क को हॉटमिक्स किया जाना था, चौड़ीकरण किया गया और पांच साल के भीतर हॉटमिक्स को बहा दिया गया। सड़क पर पड़े गड्ढों को पाटने के लिए फिर से 20 लाख की राशि खर्च की गई और यह राशि भी पानी में बह गई. सड़क की हालत एक बार फिर खराब हो गई है। गड्ढों को पाटने के लिए शासन ने फिर से 12 लाख की राशि स्वीकृत की है, जिसके लिए निविदाएं मंगाई गई हैं। विभाग गड्ढों को भरने के लिए बारिश खत्म होने का इंतजार कर रहा है।

थल से मुनस्यारी तक के हिस्से की हालत और भी खराब है। इस हिस्से पर भी सुधार के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन सड़क की हालत जस की तस बनी हुई है. मानसून के दौरान हर दूसरे दिन सड़क बंद रही । हरड़िया , बनिक जैसे सात स्थानों को संवेदनशील घोषित किया गया है, जहां बारिश के बिना भी मलबा गिर रहा है। सड़क की बदहाली से न सिर्फ स्थानीय लोग परेशान हैं बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण स्टेट हाईवे की यही स्थिति है तो अन्य सड़कों का अंदाजा लगाया जा सकता है। सड़क सुधार के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है। इसके लिए टेंडर निकाले जा चुके हैं। बारिश खत्म होते ही मरम्मत का काम शुरू कर दिया जाएगा।

सुनील कुमार, सहायक अभियंता, लोनिवि