विकासनगर , PAHAAD NEWS TEAM

गुरुवार को हथियारी पावर हाउस में काम करने के दौरान तीसरे मंजिल में पैर फिसलकर गिरने से हुई मजदूर की मौत के मामले ने उस समय तूल पकड़ लिया जब भारत संवैधानिक संरक्षण मंच के कार्यकर्ताओं ने पोस्टमार्टम करने पहुंची चिकित्सकों की टीम को वापस लौटा दिया। जो पोस्टमार्टम के लिए आए थे। कहा कि जब तक कंपनी मृतक आश्रितों को एक परिजन को नौकरी नहीं देती और पचास लाख रुपये का मुआवजा नहीं देती तब तक पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दी जाएगी। दूसरी ओर, परिवारों ने कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और डाकपत्थर चौकी पुलिस को समझौते का पत्र दिया, और उनसे कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया। इसके बाद पुलिस और डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची और पंचनामा और पोस्टमार्टम किया और शव को परिजनों को सौंप दिया।

कटापत्थर निवासी जनक सिंह पुत्र पुस्सुराम हथियारी गुरुवार देर शाम पावर हाउस की सुरंग में तीसरी मंजिल पर काम कर रहा था । इस दौरान पैर फिसलने के कारण जनक सिंह सुरंग के अंदर गिर गया। जिसके कारण उसकी मौत हो गई। इस मामले ने शुक्रवार सुबह तब तूल पकड़ा जब भारत संवैधानिक संरक्षण मंच के कार्यकर्ता पोस्टमार्टम हाउस के बाहर धरने पर बैठ गए। कहा कि जब तक कंपनी मृतक के परिजनों को पचास लाख रुपये नगद व एक सदस्य को नौकरी नहीं देती तब तक शव का पोस्ट मार्टम नहीं होने देंगे। इस अवधि के दौरान, उन्होंने डॉक्टरों की टीम को लौटा दिया जो पोस्टमार्टम के लिए आए थे। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक मुन्नासिंह चौहान भी मौके पर पहुंच गये । विधायक ने मृतकों के परिवारों को सांत्वना दी और उन्हें मुआवजे का आश्वासन दिया। मौके पर पुलिस की मौजूदगी में डॉक्टरों की टीम आई और करीब दो बजे मंच के कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। मंच की ओर से धरना प्रदर्शन करने वालों में दौलत कुंवर, अमीरचंद, दौलतसिंह, लक्ष्मीदेवी, वतनसिंह, श्यामलाल, राजेश, कपिल, रोहित, महेश, सुरेंद्र, दिनेश, बबलू आदि शामिल थे।

मृतक के परिवार और कंपनी के बीच समझौता

जनक सिंह की मृत्यु पर, उनकी बेटी ने गुरुवार रात डाकपत्थर चौकी में पावर हाउस का काम करने वाली कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, लेकिन शुक्रवार को मृतक के परिवार और कंपनी के बीच समझौता हो गया। जिसमें मृतक की पत्नी को एक लाख रुपये की तत्काल सहायता प्रदान करने, शुक्रवार को मृतक की पत्नी के खाते में नौ लाख रुपये जमा करने, मृतक का दस लाख रुपये का इंश्योरेंश कपनी द्वारा दिए जाने का समझौता हुआ। मृतक के परिवार ने डाकपत्थर पुलिस को समझौते की एक प्रति दी और गुरुवार को कंपनी के खिलाफ दी गई तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं करने की मांग की। चौकी प्रभारी कुंदनराम ने इसकी पुष्टि की है। इस मामले में, परिवार ने सुरंग का काम कर रही कंपनी के खिलाफ गुरुवार रात को एक तहरीर डाकपत्थर पुलिस चौकी को दी। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि जनक सिंह बिना सेफ्टी बेल्ट के काम कर रहा था। अगर कंपनी ने सेफ्टी बेल्ट दी होती तो शायद उसकी मौत न होती।