देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

गैस कंपनियों द्वारा हर महीने घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाए जा रहे है, लेकिन सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी में वृद्धि नहीं हो रही है। पिछले तीन महीनों में ही घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में 225 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सब्सिडी 16.57 रुपये पर अटक गई है। कीमत इतनी बढ़ने के बाद भी सब्सिडी क्यों नहीं बढ़ रही है, इसका जवाब न तो गैस एजेंसी संचालकों के पास है और न ही अधिकारियों के पास। सभी का कहना है कि इसका अधिकार केंद्र सरकार के पास होता है, वहीं से तय होता है कि कितनी सब्सिडी दी जाएगी।

सिलेंडर लेने के बाद ही आम उपभोक्ता अपनी सब्सिडी का इंतजार करने लगते हैं। लेकिन अब सब्सिडी को इतना कम कर दिया गया है कि पता भी नहीं चलता कि कब आ जाए। बता दें कि 2015 तक लगभग 900 रुपये के सिलिंडर पर 500 रुपये तक की सब्सिडी मिलती थी। यहां तक कि मार्च 2020 में भी 876 रुपये के दाम पर सवा 300 रुपये तक सब्सिडी उपभोक्ताओं के खाते में आ रही थी। लॉकडाउन के दौरान घरेलू गैस की कीमतें 582 रुपये के करीब रहीं। हालांकि अनलॉक शुरू होने के बाद से घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है, सब्सिडी वहीं अटकी हुई है। जनवरी में, गैस कंपनियों ने घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 100 रुपये बढ़ाए। फरवरी में भी कीमत में 100 रुपये की बढ़ोतरी कर 613.50 रुपये कर दी गई। वहीं, घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत मार्च महीने में 25 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 639.50 रुपये हो गई। लेकिन सब्सिडी 16. 57 रुपये पर अटकी हुई है। चकराता रोड निवासी पूजा शर्मा ने कहा कि आम लोगों की जेब हर तरफ से कट रही है। पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। अब इतना महंगा सिलेंडर होने के बाद भी 16 रुपये में सब्सिडी दी जा रही है। यह कहां का न्याय है? उन्होंने सरकार से पहले की तरह सब्सिडी बढ़ाने की मांग की।

कुछ उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं मिल रही है

कई उपभोक्ता ऐसे भी हैं, जिनकी सब्सिडी खाते में नहीं पहुंच रही है। हालाँकि, पूर्ण लॉकडाउन के बीच भी, दो महीने ऐसे थे, जिसमें उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं मिली, लेकिन अब जब सरकार द्वारा 16.57 रुपये की सब्सिडी जारी की जा रही है, तब भी कई उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा है । चुग गैस एजेंसी के निदेशक वीरेश मित्तल ने कहा कि हर दिन कई उपभोक्ता इस शिकायत को लेने एजेंसी तक पहुंच रहे हैं। इनमें कई उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने बैंक में केवाईसी नहीं करवाया है या बैंक में पंजीकृत मोबाइल नंबर बदल दिया है, लेकिन कई उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके सारे दस्तावेज पूरे होने के बाद भी सब्सिडी नहीं पहुंच रही है।

IOCL के क्षेत्रीय सेल्स मैनेजर सुधीर कश्यप का कहना है कि घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाने का फैसला गैस कंपनियों के केंद्रीय कार्यालय की ओर से ही लिया जाता है। उपभोक्ताओं को सब्सिडी कितनी देनी है, इसका अधिकार केंद्र सरकार के पास है। यदि किसी उपभोक्ता के चालू खाते में सब्सिडी नहीं आ रही है, तो गैस कंपनियों के ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत की जा सकती है।