देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

एलोपैथी दवा और कोरोना इंजेक्शन पर सवाल उठाने के बाद पैदा हुए विवाद से नाराज आईएमए और सरकारी डॉक्टरों ने बाबा रामदेव की गिरफ्तारी की मांग की है. गुस्साए डॉक्टर मंगलवार को पूरे प्रदेश में बाबा रामदेव के खिलाफ काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. निजी मेडिकल कॉलेजों के छात्र भी बाबा रामदेव के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. एलोपैथी और डॉक्टरों को लेकर बाबा रामदेव के बयानों से आईएमए और सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर नाराज हैं. IMA पहले ही इस मामले में बाबा रामदेव को एक हजार करोड़ का नोटिस भेज चुका है.

बाबा रामदेव के खिलाफ नाराज आईएमए डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी मांग कर चुके हैं। इस मांग को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए आईएमए समेत सरकारी डॉक्टर मंगलवार को काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करा रहे हैं. आईएमए के साथ सरकारी डॉक्टरों के संघ प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ ने भी समर्थन देते हुए काली फीती बांधकर विरोध दर्ज कराया। पीएमएचएस के प्रदेश महासचिव डॉ मनोज वर्मा ने कहा कि एलोपैथी को लेकर बाबा रामदेव का बयान निंदनीय है और सरकार बाबा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर डॉक्टरों का अपमान कर रही है.

उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव पर आपदा अधिनियम की धाराओं के तहत तत्काल कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से जूझ रहे डॉक्टरों का लगातार अपमान हो रहा है लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। इधर, आईएमए के प्रदेश महासचिव डॉ. अजय खन्ना ने कहा कि प्रदेश के सभी प्राइवेट डॉक्टर काली पुट्टी बांधकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव सरकार के सहयोग से डॉक्टरों का लगातार अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बावजूद यह दुखद और आश्चर्य की बात है कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि बाबा को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए।